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अरविंद केजरीवाल की जीत: उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने दो सीटें जीतीं

अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी की दो सीटों पर जीत की घोषणा की। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनता का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह जीत पंजाब के लोगों के समर्थन का प्रतीक है। केजरीवाल ने गुजरात में बदलाव की आवश्यकता पर भी जोर दिया और स्पष्ट किया कि वे राज्यसभा नहीं जाएंगे। जानें उनके विचार और भविष्य की योजनाएं इस लेख में।
 

उपचुनाव के नतीजे

अरविंद केजरीवाल: चार राज्यों में पांच विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम आज घोषित किए गए। आम आदमी पार्टी ने इनमें से दो सीटों पर विजय प्राप्त की। जीत के बाद, पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जनता ने उन पर विश्वास जताया है, इसके लिए वे आभारी हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी ने दोनों सीटें दोगुने अंतर से जीती हैं, जो पिछले चुनाव के मुकाबले लगभग दोगुना है। पार्टी ने गुजरात के विसावदर और पंजाब के लुधियाना पश्चिम से जीत हासिल की है। उन्होंने संजीव अरोड़ा और गोपाल इटालिया को बधाई दी और जनता का भी धन्यवाद किया।


पंजाब के लोगों का समर्थन

पंजाब के लोग हमारी सरकार से खुश हैं-केजरीवाल

केजरीवाल ने आगे कहा कि यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि पंजाब के लोग उनकी सरकार से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि आज उनकी जीत का अंतर दोगुना है, जो 2027 के चुनावों का सेमीफाइनल है। पंजाब की जनता ने आम आदमी पार्टी की सरकार को समर्थन दिया है। विसावदर में भी उन्हें अच्छे अंतर से जीत मिली है, जहां बीजेपी सत्ता में है।


गुजरात में बदलाव की आवश्यकता

गुजरात अब बदलाव की राह पर है-केजरीवाल

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में बीजेपी सत्ता, धन, प्रशासन और हर संभव तरीके का उपयोग कर चुनाव लड़ती है। ऐसे में उनसे जीतना आसान नहीं होता। लेकिन विसावदर में आम आदमी पार्टी की दोगुने अंतर से जीत यह दर्शाती है कि जनता बीजेपी के 30 साल के कुशासन से थक चुकी है और अब बदलाव चाहती है।


राज्यसभा में जाने का इरादा नहीं

‘मैं राज्यसभा नहीं जाऊंगा’

उन्होंने कहा कि चुनाव में कांग्रेस को 17 और आम आदमी पार्टी को 5 सीटें मिली हैं। गुजरात में बीजेपी का मुकाबला आम आदमी पार्टी से है। दो सीटों पर चुनाव हुए, जिसमें एक पर बीजेपी और दूसरी पर आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की। दिल्ली में कांग्रेस ने बीजेपी की मदद की। केजरीवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि वे राज्यसभा नहीं जाएंगे और इस निर्णय का अधिकार राजनीतिक मामलों की समिति को सौंपा जाएगा।