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अलास्का के तट पर कार्गो जहाज में आग: 800 इलेक्ट्रिक कारें खतरे में

अलास्का के तट पर एक कार्गो जहाज "मॉर्निंग मिडास" में आग लगने की घटना ने सभी को चौंका दिया है। इस जहाज में लगभग 3,000 वाहन थे, जिनमें 800 इलेक्ट्रिक कारें शामिल थीं। आग इतनी भयंकर थी कि अमेरिकी तटरक्षक बल को इसे जलने देने का निर्णय लेना पड़ा। चालक दल ने आग बुझाने का प्रयास नहीं किया और सभी सदस्य लाइफबोट्स में सवार हो गए। जानें इस घटना के पीछे की वजह और इसके संभावित परिणाम।
 

समुद्र में बड़ा हादसा

अलास्का के तट से लगभग 300 मील की दूरी पर एक गंभीर घटना घटी, जब "मॉर्निंग मिडास" नामक एक कार्गो जहाज में अचानक आग लग गई। इस जहाज पर लगभग 3,000 वाहन लदे थे, जिनमें करीब 800 इलेक्ट्रिक कारें शामिल थीं। इन इलेक्ट्रिक वाहनों में लिथियम-आयन बैटरियां थीं, जो अत्यधिक ज्वलनशील मानी जाती हैं। आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि अमेरिकी तटरक्षक बल को इसे 24 घंटे से अधिक समय तक जलने की अनुमति देनी पड़ी।


चीन से मैक्सिको की यात्रा

चीन से मैक्सिको जा रहा था जहाज 

यह जहाज चीन से निकलकर मैक्सिको की ओर बढ़ रहा था। जब आग लगी, तो चालक दल ने आग बुझाने का प्रयास नहीं किया, बल्कि सभी सदस्य जल्दी से जहाज छोड़कर लाइफबोट्स में सवार हो गए। आग लगने के लगभग 15 मिनट बाद एसओएस सिग्नल भेजा गया। पास में मौजूद एक व्यावसायिक जहाज ने सभी 22 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित रूप से बचा लिया।


आग बुझाने का प्रयास जोखिम भरा

आग बुझाने का प्रयास करना था जोखिम 

तटरक्षक बल के अनुसार, लिथियम-आयन बैटरियां अत्यधिक गर्म होने पर विस्फोट कर सकती हैं और जहरीली गैसें छोड़ती हैं। इसलिए आग बुझाने का प्रयास करना जहाज पर मौजूद लोगों और बचावकर्मियों के लिए खतरनाक हो सकता था। यही कारण था कि जहाज को सुरक्षित दूरी से जलते हुए देखना ही एकमात्र विकल्प था।

जहाज की मालिक कंपनी, लंदन स्थित ज़ोडियाक मैरीटाइम ने बताया कि उस समय नजदीक कोई अग्निशामक जहाज मौजूद नहीं था। अब एक विशेष बचाव टीम को भेजा जा रहा है, जो सोमवार तक घटनास्थल पर पहुंचने की उम्मीद है।

यह जहाज 26 मई को चीन के यांताई बंदरगाह से रवाना हुआ था और शंघाई व नान्शा जैसे प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्यात केंद्रों से होकर गुजरते हुए 15 जून को मैक्सिको के लाज़ारो कार्डेनास बंदरगाह पहुंचने वाला था। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के अनुसार, 2023-24 में मैक्सिको में बिके 60% से अधिक ईवी चीन से आए थे।