अवैध धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग: छांगुर के काले कारनामों का खुलासा
छांगुर के गिरोह की गतिविधियों का पर्दाफाश
अवैध धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार छांगुर, जिसे जलालुद्दीन के नाम से भी जाना जाता है, के साथ नीतू और नवीन के काले कारनामों की सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आ रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हालिया छापेमारी में कई चौंकाने वाले दस्तावेज मिले हैं, जो इस गिरोह की अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों को उजागर करते हैं.
ईडी को मिले 25 महत्वपूर्ण दस्तावेज
उतरौला नगर में छांगुर के शोरूम से ईडी ने 25 महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं। इनमें हबीब बैंक एजी ज्यूरिख के खातों की जानकारी शामिल है, जो स्विट्जरलैंड समेत 11 देशों में फैली हुई हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह खाता किसके नाम पर है। दस्तावेजों से यह भी पता चलता है कि गिरोह के पास जो धन है, वह अवैध तरीके से अर्जित किया गया है, जिसे अचल संपत्तियों और निर्माण कार्यों में निवेश किया गया है.
छांगुर और उसके सहयोगियों के ठिकानों पर छापे
17 जुलाई को ईडी ने छांगुर और उसके सहयोगियों के 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी। शोरूम से मिले दस्तावेजों में नासिर वाडीलाल से संबंधित पावर ऑफ अटॉर्नी, संपत्ति समझौते, वाहन बिक्री के दस्तावेज और अन्य कई नाम शामिल हैं, जिनकी जानकारी केवल छांगुर और नीतू को है.
नीतू और नवीन के नाम पर संपत्तियों का विवरण
यह ध्यान देने योग्य है कि छांगुर ने सभी संपत्तियों को अपने नाम पर न रखकर नीतू और नवीन के नाम पर कर रखा था, ताकि मनी लॉन्ड्रिंग में सीधे तौर पर संलिप्तता से बचा जा सके। जांच एजेंसियां अब इस गिरोह के पूरे नेटवर्क को उजागर करने के लिए सक्रिय हो गई हैं.