अहमदाबाद एयर इंडिया विमान दुर्घटना: पूर्व पायलट ने संभावित कारणों पर की चर्चा
अहमदाबाद एयर इंडिया विमान दुर्घटना
अहमदाबाद एयर इंडिया विमान दुर्घटना: अहमदाबाद में एक विमान दुर्घटना में 270 लोगों की जान चली गई। यह विमान अहमदाबाद से लंदन जा रहा था और मेडिकल हॉस्टल की छत पर गिर गया। इस हादसे में केवल एक व्यक्ति, रमेश विश्वास कुमार, बच पाया। इस घटना के बाद से कई कयास लगाए जा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, पायलट सुमित सभरवाल, जिनके पास 8200 घंटे का उड़ान अनुभव है, की गलती हो सकती है, जबकि कुछ का मानना है कि इंजन में खराबी आई थी। पायलट के अंतिम शब्द 'थ्रस्ट नहीं मिल रहा है' ने भी कई सवाल खड़े किए हैं। इस मामले में पूर्व कमर्शियल पायलट और बीजू जनता दल (BJD) के नेता मन्मथ कुमार राउत्रे ने अपनी राय दी है।
ब्लैकबॉक्स की भूमिका
ब्लैकबॉक्स की संवेदनशीलता
राउत्रे ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि पायलट की गलती की संभावना कम है। उन्होंने बताया कि विमान में एक ही ब्लैकबॉक्स होता है, जिसमें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर शामिल होता है। यह रिकॉर्डर बहुत संवेदनशील होता है और यह कॉकपिट में हुई बातचीत, पायलट की गतिविधियों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को रिकॉर्ड करता है।
राउत्रे ने कहा कि ब्लैकबॉक्स से सभी जानकारी प्राप्त की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि पायलट की गलती की संभावना बहुत कम है और उन्होंने सभी प्रक्रियाओं का पालन किया है।
संभावित कारण
संभावित कारणों पर चर्चा
राउत्रे के अनुसार, यह संभव है कि दोनों इंजन फेल हो गए हों या विमान को आवश्यक थ्रस्ट नहीं मिल पाया। तकनीकी समस्याएं जैसे फ्लैप्स या लैंडिंग गियर में भी हो सकती हैं। हालांकि, केवल एक वीडियो के आधार पर कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। जांच रिपोर्ट का इंतजार है, जिसमें एएआईबी के विशेषज्ञ शामिल हैं।
जांच की स्थिति
जांच की स्थिति
राउत्रे ने कहा कि डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) मिलने के बाद, यदि इसे फ्लाइट के सॉफ्टवेयर से जोड़ा गया है, तो जांच एजेंसियों को अब तक की स्थिति स्पष्ट हो गई होगी।
पायलट की योग्यता
पायलट की योग्यता पर सवाल
बीजेडी नेता ने कहा कि पायलट और इंजीनियर्स का मनोबल प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि इतने अनुभवी पायलट से गलती होना असंभव है। सुमित सभरवाल ने सभी प्रक्रियाओं का पालन किया और अंतिम क्षण तक प्रयास किया।
सुरक्षा पर ध्यान
सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता
राउत्रे ने कहा कि पिछले डेढ़ महीने में छह विमान हादसे हो चुके हैं। मौसम की स्थिति और व्यावसायिक हितों के कारण सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है।