अहमदाबाद विमान दुर्घटना: एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति का अनुभव
अहमदाबाद विमान दुर्घटना का विवरण
अहमदाबाद विमान दुर्घटना: गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान हादसे में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति, विश्वास कुमार रमेश ने उस भयानक 30 सेकंड का वर्णन किया है जो उन्होंने अनुभव किया। उन्होंने बताया कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से ठीक पहले क्या हुआ। रमेश ने कहा कि विमान से कूदने के बावजूद उन्हें कोई चोट नहीं आई, क्योंकि जिस हिस्से में वे बैठे थे, वह जमीन पर गिर गया। उन्होंने कहा कि सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि किसी को समझने का मौका नहीं मिला।
241 लोगों की जान गई
पायलट समेत 241 लोगों की मौत
एयर इंडिया की AI171 फ्लाइट 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रही थी, लेकिन कुछ ही सेकंड में यह दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में चालक दल और पायलट सहित सभी 241 लोग मारे गए। रमेश इस भीषण दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति हैं। उन्हें अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि वे कैसे इस हादसे से बच गए, जिसमें 265 लोगों की जान गई। विमान का एक हिस्सा मेडिकल कॉलेज के मेस पर गिरा, जिससे स्थानीय लोगों की भी जान गई।
रमेश की पहचान
नागरिक हैं रमेश
रमेश एक ब्रिटिश नागरिक हैं और लीसेस्टर में निवास करते हैं। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद से लंदन के गैटविक तक की यात्रा के लिए विमान उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद रुक गया और हरी तथा सफेद बत्तियां चमकने लगीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहर के सिविल अस्पताल में रमेश से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।
दुर्घटना का अनुभव
डीडी न्यूज को दिए साक्षात्कार में रमेश ने कहा, "यह सब मेरी आंखों के सामने हुआ। मुझे यकीन नहीं हो रहा कि मैं कैसे बच गया।" उन्होंने कहा, "एक पल के लिए मुझे लगा कि मैं मरने वाला हूं, लेकिन जब मैंने अपनी आंखें खोलीं तो मैं जिंदा था। मैंने अपनी सीट बेल्ट खोली और बाहर आ गया।"
दुर्घटना के क्षण
‘मेरी आंखों के सामने हो गई अंकल-आंटियों की मौत’
रमेश ने कहा, "एयरहोस्टेस और अंकल-आंटियों की मौत मेरी आंखों के सामने हो गई। एक मिनट के भीतर ऐसा लगा कि विमान रुक गया है। हरी और सफेद लाइटें चमक रही थीं। ऐसा लग रहा था कि विमान किसी इमारत से टकरा गया।"
रमेश का भाग्य
‘मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मैं जीवित हूं’
रमेश ने कहा कि जिस हिस्से में वह बैठे थे, वह हॉस्टल से नहीं टकराया, जिससे वह मलबे से दूर जा सके। उन्होंने कहा, 'विमान का वह हिस्सा जहां मैं बैठा था, जमीन पर गिर गया। मेरे पास बहुत कम जगह थी। जब दरवाजा खुला, तो मैं एक जगह खोजने में सक्षम था और भाग गया। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मैं जीवित हूं। आग में मेरा बायां हाथ जल गया था, लेकिन मैं दुर्घटनास्थल से बाहर आ गया। मुझे यहां अच्छा इलाज मिला।'
रमेश की पृष्ठभूमि
रमेश मूल रूप से केंद्र शासित प्रदेश दमन दीव के निवासी हैं और ब्रिटेन की राजधानी लंदन से 140 किलोमीटर दूर लीसेस्टर में रहते हैं। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी दुर्घटनाग्रस्त विमान में सवार थे और इस दुर्घटना में उनकी भी मृत्यु हो गई।