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आंध्र प्रदेश के पोलवरम प्रोजेक्ट पर राजनीतिक विवाद जारी

आंध्र प्रदेश का पोलवरम सिंचाई प्रोजेक्ट एक बार फिर से राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बन गया है। पूर्व सांसद ने इस परियोजना की देरी और समस्याओं के लिए पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने नायडू के शासनकाल में हुई चूकें और गलत निर्णयों का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे न केवल परियोजना की लागत बढ़ी, बल्कि इसकी प्रगति भी प्रभावित हुई। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और इसके राजनीतिक निहितार्थ।
 

पोलवरम सिंचाई प्रोजेक्ट की स्थिति पर उठे सवाल

आंध्र प्रदेश का पोलवरम सिंचाई प्रोजेक्ट हमेशा से राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र रहा है। हाल ही में, एक पूर्व सांसद ने इस परियोजना की वर्तमान स्थिति और इसके निर्माण में हुई कथित देरी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया।

पूर्व सांसद ने आरोप लगाया कि नायडू के शासनकाल में पोलवरम प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन में कई महत्वपूर्ण "चूकें" हुईं। उनके अनुसार, इन गलतियों के कारण न केवल परियोजना में अनावश्यक देरी हुई, बल्कि इसकी लागत में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई, जिसका असर राज्य की जनता पर पड़ा।

यह बयान तब आया है जब परियोजना की प्रगति को लेकर राजनीतिक हलकों में बहस जारी है। पूर्व सांसद ने नायडू सरकार के कार्यकाल में हुई लापरवाहियों और प्रक्रियाओं में हुई गलतियों पर सवाल उठाए, यह कहते हुए कि यही 'ब्लंडर्स' परियोजना की असमर्थता का कारण बने हैं।

यह आरोप-प्रत्यारोप दर्शाता है कि पोलवरम प्रोजेक्ट अभी भी राजनीतिक विवाद का विषय बना हुआ है, और इसकी धीमी प्रगति के लिए पूर्व सरकारों पर उंगली उठाने का सिलसिला जारी है।