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आम आदमी पार्टी का 'स्कूल बचाओ अभियान' 9 जुलाई से जौनपुर में शुरू होगा

आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा संचालित स्कूलों के विलय के खिलाफ 'स्कूल बचाओ अभियान' की शुरुआत करने की घोषणा की है। संजय सिंह ने कहा कि यह निर्णय गरीब और पिछड़े वर्ग के बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय है। अभियान की शुरुआत 9 जुलाई को जौनपुर के प्राथमिक विद्यालय मीरगंज से होगी। संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे को ले जाने की बात कही है और सभी नागरिकों से एकजुट होकर बच्चों के हक़ की लड़ाई में शामिल होने का आह्वान किया है।
 

स्कूलों के विलय के खिलाफ आम आदमी पार्टी का आंदोलन


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा संचालित स्कूलों के विलय के खिलाफ आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बड़ा कदम उठाया है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने 9 जुलाई से जौनपुर में 'स्कूल बचाओ अभियान' की शुरुआत करने की घोषणा की है।


संजय सिंह ने कहा कि यूपी सरकार का यह निर्णय न केवल शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है, बल्कि यह गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी।


उन्होंने बताया कि अभियान की शुरुआत जौनपुर के सिकरारा विधानसभा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मीरगंज से होगी, जहां वे 9 जुलाई को पहुंचेंगे। संजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी उन सभी स्थानों पर संघर्ष करेगी जहां स्कूलों को बंद किया जा रहा है। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर भी असहमति जताई और कहा कि बच्चों ने न्यायालय से पढ़ाई बचाने की गुहार लगाई थी, लेकिन स्कूलों को बंद कर दिया गया। अब हमारी आखिरी उम्मीद सुप्रीम कोर्ट है।


संजय सिंह ने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जब भाजपा नेताओं के बच्चे विदेशों में पढ़ सकते हैं, तो गांवों के बच्चों को जर्जर स्कूलों और खराब मिड डे मील का सामना क्यों करना पड़ रहा है? उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या यह स्कूल बंद करने की योजना है या गरीबों के बच्चों के भविष्य को खत्म करने की साजिश? केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक वर्ष में उत्तर प्रदेश में 8 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूल छोड़ा है, और पिछले चार सालों में यह संख्या 42 लाख तक पहुंच गई है।


संजय सिंह ने कहा कि सरकार यह कहकर स्कूलों का विलय कर रही है कि बच्चों की संख्या घट रही है, लेकिन सवाल यह है कि बच्चे स्कूल क्यों नहीं आ रहे? जर्जर स्कूल भवन, खराब मिड डे मील और सुविधाओं की कमी के कारण अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से हिचकते हैं। उन्होंने आरटीई एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि इसमें स्पष्ट लिखा है कि हर एक किलोमीटर के दायरे में स्कूल होना चाहिए, फिर भी सरकार स्कूलों को बंद करने पर तुली हुई है।


उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आम आदमी पार्टी इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी, बल्कि हर गांव, हर जिले और हर दरवाजे तक जाकर लोगों को जागरूक करेगी और बच्चों की शिक्षा की लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने सभी नागरिकों, शिक्षकों, अभिभावकों और जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया कि अब समय आ गया है कि हम सब एकजुट हों और बच्चों के हक़ की लड़ाई को सड़कों से संसद तक पहुंचाएं।