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आरबीआई के निर्णय के बाद भारतीय शेयर बाजार में हल्की गिरावट

भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया, जिसके बाद निफ्टी 50 और सेंसेक्स में गिरावट आई। निफ्टी में 0.38 प्रतिशत की कमी आई, जबकि सेंसेक्स में 0.27 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ घोषणाएं भी बाजार को प्रभावित कर सकती हैं। आईटी और फार्मा सेक्टर में गिरावट के साथ, आरबीआई ने मुद्रास्फीति और जीडीपी वृद्धि के बारे में भी अपने अनुमान साझा किए हैं।
 

शेयर बाजार की स्थिति

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया, जिसके परिणामस्वरूप बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी 50 में हल्की गिरावट आई। निफ्टी 50 सुबह 11:34 बजे 0.38 प्रतिशत की कमी के साथ 24,556.20 पर कारोबार कर रहा था, जबकि सेंसेक्स 0.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,492.96 पर था।


मौद्रिक नीति समिति का प्रभाव

मौद्रिक नीति समिति के निर्णय से पहले, निफ्टी और सेंसेक्स क्रमशः 0.08 प्रतिशत और 0.07 प्रतिशत नीचे थे। विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार पर सबसे बड़ा प्रभाव अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ घोषणाओं का होगा।


आईटी और फार्मा सेक्टर में गिरावट

निफ्टी आईटी सूचकांक में सुबह के कारोबार के दौरान 1.57 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। निफ्टी फार्मा में 1.26 प्रतिशत और निफ्टी रियल्टी में 2.26 प्रतिशत की कमी आई। आईटी शेयरों में, कोफोर्ज ने सबसे अधिक 3.49 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की, जबकि अन्य प्रमुख आईटी शेयरों में 1 से 2 प्रतिशत की कमी आई।


आरबीआई की मौद्रिक नीति

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 6 अगस्त को सर्वसम्मति से रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया, जबकि मौद्रिक नीति का रुख 'तटस्थ' बना रहा। यह रुख विकास को नुकसान पहुंचाए बिना मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए संतुलन बनाने का प्रयास करता है।


मुद्रास्फीति और जीडीपी वृद्धि

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मुद्रास्फीति काफी निचले स्तर पर है, लेकिन खाद्य पदार्थों, विशेषकर सब्जियों की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। हालांकि, कोर मुद्रास्फीति लगभग 4 प्रतिशत पर स्थिर है। केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान बनाए रखा है।


भविष्य की उम्मीदें

बैंक ने 2025-26 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दर 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, क्योंकि मानसून की स्थिर प्रगति और खरीफ की अच्छी बुवाई से खाद्य कीमतों पर नियंत्रण रहने की उम्मीद है।