आरबीआई गवर्नर ने आर्थिक समृद्धि के लिए राजकोषीय अनुशासन की आवश्यकता बताई
राजकोषीय अनुशासन पर जोर
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बृहस्पतिवार को आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए राजकोषीय अनुशासन की आवश्यकता पर जोर दिया।
मल्होत्रा ने राज्यों के वित्त सचिवों के 35वें सम्मेलन में कहा कि राज्यों को व्यय की गुणवत्ता में सुधार लाने और बजट के अलावा अन्य स्रोतों से उधारी में विवेकपूर्णता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
आरबीआई ने एक बयान में बताया कि इस सम्मेलन का विषय ‘राजकोषीय मजबूती के मार्ग से आर्थिक समृद्धि की ओर’ था। गवर्नर ने मुद्रा प्रबंधन, वित्तीय समावेश और एकीकृत ऋण इंटरफेस के क्षेत्रों में किए जा रहे उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्यों और रिजर्व बैंक के बीच सक्रिय समन्वय की आवश्यकता भी बताई।
बैठक में, राज्यों द्वारा नकदी प्रबंधन, बाजार उधारी और राजकोषीय मजबूती से संबंधित मुद्दों की समीक्षा की गई। इस सम्मेलन में व्यय विभाग (वित्त मंत्रालय) के सचिव और 28 राज्यों तथा दो केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त सचिवों ने भाग लिया। इसके अलावा, वित्त मंत्रालय, लेखा महानियंत्रक और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के अधिकारी भी शामिल हुए।