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इजरायल-ईरान संघर्ष: परमाणु संयंत्र पर हमले और संभावित खतरे

इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष ने वैश्विक चिंता को बढ़ा दिया है। ईरान ने इजरायल पर लगातार मिसाइल हमले किए हैं, जबकि इजरायल ने ईरान के परमाणु संयंत्रों को निशाना बनाया है। इस लेख में हम इस संघर्ष के प्रभाव, संभावित रेडिएशन खतरों और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण करेंगे। क्या ईरान अपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं को पूरा कर पाएगा? जानने के लिए पढ़ें।
 

इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता संघर्ष

इस समय इजरायल और ईरान के बीच एक गंभीर युद्ध चल रहा है। इजरायल ने ईरान पर जबरदस्त हमले किए हैं, जबकि ईरान इन हमलों का जवाब देने में जुटा है। ईरान ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी स्थिति में युद्धविराम नहीं करेगा। अमेरिका की अगली रणनीति क्या होगी, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। जी7 बैठक को छोड़कर ट्रंप का अमेरिका लौटना इस बात का संकेत है कि अमेरिका कुछ बड़ा कदम उठाने वाला है। ईरान भी पीछे हटने के मूड में नहीं है और लगातार तेल अवीव पर मिसाइलें दाग रहा है। इस समय इजरायल के नागरिक बंकरों में शरण ले चुके हैं। ईरान की मंशा इजरायल को नष्ट करने की है, खासकर नतांज में हुए नुकसान के बाद, जहां भारी मात्रा में यूरेनियम था। इजरायल ने दावा किया था कि ईरान इस महीने के अंत तक दो परमाणु बम बनाने वाला था। 


परमाणु संयंत्र पर हमले का प्रभाव

अमेरिकी संस्था साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी ऑर्गनाइजेशन द्वारा जारी की गई सैटेलाइट तस्वीरों में जमीन पर हुए नुकसान को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि भूमिगत सेंट्रीफ्यूज हॉल को कोई नुकसान पहुंचा है या नहीं। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा कि इजरायल भूमिगत कैस्केड हॉल को नष्ट नहीं कर सका। उन्होंने बताया कि इजरायली हमलों के बाद नतांज में रेडियोलॉजिकल और रासायनिक संदूषण की संभावना है, लेकिन परिसर के बाहर विकिरण का स्तर सामान्य है। ग्रॉसी ने चेतावनी दी कि यदि यूरेनियम का सेवन किया जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। उचित सुरक्षा उपायों के माध्यम से इस जोखिम को नियंत्रित किया जा सकता है। 


रेडिएशन फैलने का खतरा

IAEA की रिपोर्ट के अनुसार, बिजली आपूर्ति में बाधा आने से रेडिएशन फैलने का खतरा बना हुआ है। हालांकि, साइट के बाहर स्थिति सामान्य है और कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। यदि रेडिएशन फैलता है, तो इसका प्रभाव मानव, पशु और पर्यावरण पर गंभीर हो सकता है। निकटवर्ती क्षेत्रों के लोग सबसे पहले प्रभावित हो सकते हैं, जैसे कि सांस लेने में कठिनाई, कैंसर का खतरा, या गर्भावस्था से संबंधित समस्याएं।