इजरायली हवाई हमले के बाद कतर में बढ़ा विवाद, नेतन्याहू ने मांगी माफी
कतर पर इजरायली हमले का अंतरराष्ट्रीय विवाद
दोहा में इजरायली हवाई हमले के बाद उत्पन्न अंतरराष्ट्रीय विवाद ने कूटनीतिक स्थिति को हिला दिया है। कतर ने इसे 'कायराना हमला' और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया, जबकि अमेरिका ने भी इजरायल के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की। इस बढ़ते दबाव के बीच, इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को कतर के प्रधानमंत्री से सीधे फोन कर माफी मांगनी पड़ी।
नेतन्याहू का कतर के प्रधानमंत्री से फोन वार्ता
सोमवार को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद, नेतन्याहू ने कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी को फोन किया। इस बातचीत में उन्होंने स्वीकार किया कि दोहा में इजरायली ऑपरेशन के कारण कई निर्दोष लोगों की जान गई। इस हमले का लक्ष्य वरिष्ठ हमास नेताओं को निशाना बनाना था, लेकिन इसमें खालिल अल-हय्या के बेटे और उनके सहयोगी जिहाद लाबाद की भी मौत हो गई। कुल मिलाकर, इस हमले में पांच लोगों की जान गई, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
अमेरिका-इजरायल संबंधों में तनाव
अमेरिका-इजरायल रिश्तों में तनाव
दोहा पर हुए हमले ने अमेरिका और इजरायल के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने नेतन्याहू को चेतावनी देते हुए कहा कि यह हमला 'बिल्कुल समझदारी भरा कदम नहीं था' और इससे मध्य पूर्व में चल रही नाजुक शांति वार्ताओं को खतरा हो सकता है। ट्रंप ने इसे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए हानिकारक बताया। हालांकि, नेतन्याहू ने अपनी दलील दी कि उनके पास कार्रवाई का एक सीमित अवसर था, जिसे वे गंवाना नहीं चाहते थे।
कतर की कड़ी प्रतिक्रिया
कतर की कड़ी प्रतिक्रिया
कतर ने इजरायल के इस हमले को 'कायराना' और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने कहा कि इजरायली सेना ने जानबूझकर दोहा के आवासीय क्षेत्रों को निशाना बनाया, जहां हमास का राजनीतिक ब्यूरो स्थित था। कतर, जो मिस्र के साथ मिलकर गाजा युद्धविराम वार्ताओं का महत्वपूर्ण मध्यस्थ है, ने चेतावनी दी कि इस तरह की घटनाएं शांति प्रक्रिया को विफल कर सकती हैं।
हमास का आरोप और नेतन्याहू की चेतावनी
हमास का आरोप और नेतन्याहू की चेतावनी
हमास ने इस हमले की जिम्मेदारी सीधे इजरायल और अमेरिका पर डाली। संगठन ने कहा कि इस तरह की हत्याएं उसकी रणनीति को नहीं बदल सकतीं और इजरायल 'नाकाम' साबित हुआ है। दूसरी ओर, नेतन्याहू ने दोहा को चेतावनी दी कि वह या तो हमास नेताओं को देश से बाहर निकाले या उन्हें न्याय के कटघरे में खड़ा करे, 'नहीं तो इजरायल फिर कार्रवाई करेगा।'
कतर ने इस बयान को 'लापरवाह' करार दिया है। हालांकि, कुछ ही दिनों बाद नेतन्याहू को हालात को सामान्य करने के लिए कतरी प्रधानमंत्री से माफी मांगनी पड़ी।