इज़राइल ने ग्रेटा थनबर्ग और 170 अन्य कार्यकर्ताओं को निर्वासित किया
इज़राइल ने स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और 170 अन्य कार्यकर्ताओं को ग्रीस और स्लोवाकिया भेज दिया है। यह कदम गाजा में सहायता पहुंचाने के प्रयास के दौरान उठाया गया। इज़राइली विदेश मंत्रालय ने इसे एक पीआर स्टंट बताया है और कार्यकर्ताओं पर झूठी खबरें फैलाने का आरोप लगाया है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और कार्यकर्ताओं के आरोप।
Oct 6, 2025, 20:01 IST
स्वीडिश कार्यकर्ताओं का इज़राइल से निर्वासन
इज़राइल ने सोमवार को घोषणा की कि स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और गाजा सहायता मिशन के 170 अन्य सदस्यों को ग्रीस और स्लोवाकिया भेज दिया गया है। ग्रेटा और अन्य कार्यकर्ताओं को पहले गाजा में सहायता पहुंचाने के प्रयास में हिरासत में लिया गया था, जिसमें इज़राइल की नौसैनिक नाकेबंदी को चुनौती देने की कोशिश की गई थी। इज़राइली विदेश मंत्रालय ने उन्हें एक पीआर स्टंट का हिस्सा बताया और हवाई अड्डे से उनकी तस्वीरें साझा की। मंत्रालय ने बताया कि कार्यकर्ताओं को सोमवार को इज़राइल से निर्वासित किया गया, और ये लोग विभिन्न देशों जैसे ग्रीस, इटली, फ्रांस, आयरलैंड, स्वीडन, पोलैंड, जर्मनी, और अन्य से थे।
कार्यकर्ताओं के अधिकार और आरोप
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस पीआर स्टंट में शामिल सभी व्यक्तियों के कानूनी अधिकार सुरक्षित हैं। मंत्रालय ने यह भी आरोप लगाया कि कार्यकर्ताओं ने पूर्व नियोजित झूठी खबरें फैलाई हैं। उन्होंने कहा कि एकमात्र हिंसक घटना हमास-सुमुद के एक व्यक्ति द्वारा की गई थी, जिसने एक महिला चिकित्सा कर्मचारी पर हमला किया। इससे पहले, ग्रेटा और अन्य कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें प्रताड़ित किया गया, जिसमें ग्रेटा को उनके बालों से खींचने और इज़राइली झंडा पहनने के लिए मजबूर करने का दावा शामिल था।
फर्जी खबरों पर ध्यान न देने की अपील
मंत्रालय ने सभी से अनुरोध किया कि वे कार्यकर्ताओं द्वारा फैलाए गए झूठे समाचारों पर विश्वास न करें। ग्रेटा और अन्य कार्यकर्ताओं की तस्वीरें भी साझा की गईं, जिसमें उन्हें निर्वासन से पहले हवाई अड्डे पर एक पीआर स्टंट में भाग लेते हुए दिखाया गया था।