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इटावा में कथावाचकों पर विवाद: ब्राह्मण महासभा ने उठाए गंभीर सवाल

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में कथावाचकों के साथ हुई मारपीट और अभद्रता के मामले में ब्राह्मण महासभा ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कथावाचकों पर महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करने और अपनी जाति छुपाने का आरोप लगाया है। इस मामले में समाजवादी पार्टी ने भी प्रतिक्रिया दी है, जबकि पुलिस ने अभी तक कोई लिखित तहरीर नहीं प्राप्त की है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और सोशल मीडिया पर आई प्रतिक्रियाएँ।
 

इटावा में कथावाचकों के खिलाफ नया विवाद

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में कथावाचकों के साथ हुई मारपीट और अभद्रता के मामले में एक नया मोड़ आया है। पहले यादव समुदाय से जुड़े दो कथावाचकों के साथ अमानवीय व्यवहार की खबर ने हंगामा खड़ा किया था, लेकिन अब ब्राह्मण महासभा ने उन कथावाचकों पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें आरोपी बनाने की मांग की है.


ब्राह्मण महासभा की शिकायत

मंगलवार को ब्राह्मण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण दुबे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव से मुलाकात की और कथावाचकों के खिलाफ शिकायत प्रस्तुत की। महासभा का आरोप है कि कथावाचकों ने महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया, धार्मिक भावनाओं को भड़काया और जानबूझकर अपनी जाति को छुपाया। महासभा ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन करेंगे.


महिला की शिकायत और आधार कार्ड विवाद

महिला रेनू तिवारी ने कथावाचकों पर व्यक्तिगत आरोप लगाते हुए कहा कि एक कथावाचक ने उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। जब कथावाचक का झोला चेक किया गया, तो उसमें से एक आधार कार्ड मिला, जिस पर 'अग्निहोत्री' लिखा था। इससे कथावाचक की जाति को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ और आरोप लगाया गया कि उन्होंने जानबूझकर अपनी जाति छुपाई ताकि गांववालों को भ्रमित किया जा सके.


समाजवादी पार्टी की प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी ने इस घटना को जातीय द्वेष की साजिश बताया है। पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य ने कहा कि यदि कथावाचकों के खिलाफ पहले से कोई आपत्ति थी, तो पहले शिकायत क्यों नहीं की गई। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कथावाचकों के खिलाफ झूठी कार्रवाई की गई, तो सपा भी सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी.


पुलिस की स्थिति

एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बकेवर मामले में दोनों पक्षों से बातचीत की गई है, लेकिन अब तक कथावाचकों के खिलाफ कोई लिखित तहरीर प्राप्त नहीं हुई है। पुलिस निष्पक्ष जांच कर रही है और यदि कोई दोषी पाया गया, तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ

इस विवाद के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएँ तेज हो गई हैं। कई लोग कथावाचकों के साथ हुई मारपीट को गलत बता रहे हैं, जबकि कुछ ने महिलाओं के साथ कथित अभद्रता को लेकर कथावाचकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.