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ईरान-इजरायल संघर्ष विराम: ट्रंप की मध्यस्थता से बनी शांति की उम्मीद

ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों के खूनी संघर्ष के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संघर्ष विराम की घोषणा की है। कतर ने इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण मध्यस्थता निभाई है। जानें इस संघर्ष विराम के पीछे की कहानी और आगे की संभावनाएं।
 

ईरान-इजरायल संघर्ष विराम की घोषणा

ईरान-इजरायल संघर्ष विराम: इजरायल और ईरान के बीच 12 दिनों तक चले हिंसक संघर्ष के बाद, अब एक संघर्ष विराम की घोषणा की गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (23 जून 2025) को यह जानकारी दी कि दोनों देश अब शांति के लिए सहमत हो गए हैं और अगले 24 घंटों में यह लागू होगा। इस प्रक्रिया में कतर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जानकारी के अनुसार, तेहरान ने कतर के माध्यम से और अमेरिका द्वारा प्रस्तुत शर्तों पर सहमति जताई है, जिसे शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अमेरिकी समाचार सहयोगी सीबीएस के अनुसार, व्हाइट हाउस के उच्च अधिकारियों ने इस संघर्ष विराम की पुष्टि की है।


ट्रंप और नेतन्याहू के बीच संवाद

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच सीधी बातचीत हुई। इजरायल ने इस शर्त पर सहमति दी कि ईरान की ओर से कोई और हमला नहीं होगा। इस बीच, तेहरान के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी रॉयटर्स और सीबीएस को बताया कि ईरान कतर की मध्यस्थता और अमेरिका द्वारा प्रस्तुत शर्तों पर सहमत हो गया है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और ईरान के लिए विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने ईरानियों के साथ बातचीत की, जो इस समझौते की नींव बनी।


कतर की महत्वपूर्ण भूमिका

इस संघर्ष विराम में कतर ने एक प्रमुख मध्यस्थ की भूमिका निभाई, जिसने ट्रैक-2 कूटनीति के माध्यम से दोनों देशों के बीच संवाद को बनाए रखा। कतर का यह कदम उसे मध्य पूर्व में शांति प्रक्रियाओं का एक नया केंद्र बना रहा है।


इजरायली रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वे ईरान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार थे, लेकिन अगर अमेरिका और उनके सहयोगियों के प्रयासों से संकट टल जाता है, तो यह बेहतर विकल्प है। हालांकि, इजरायल ने स्पष्ट किया कि यदि युद्ध विराम का उल्लंघन होता है, तो वे तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर होंगे।