ईरान और इजराइल के बीच युद्धविराम की घोषणा, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
युद्धविराम की घोषणा
ईरान और इजराइल ने युद्धविराम पर सहमति जताई है, जिसकी जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दी। इस घटनाक्रम का सीधा प्रभाव कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ा है। ब्रेंट क्रूड और यूएस WTI के दामों में उल्लेखनीय गिरावट आई है। इस घोषणा के बाद डॉलर की वैल्यू में कमी आई और जापान से लेकर वॉल स्ट्रीट तक के शेयरों में तेजी आई। कच्चे तेल की कीमतें 4% गिरकर 65.75 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं, जबकि सोमवार को यह 9% सस्ती हुई थीं।
ट्रंप का बयान
ट्रंप ने सोमवार को बताया कि इजराइल और ईरान ने पूरी तरह से सीजफायर के लिए सहमति दी है। यदि दोनों पक्ष शांति बनाए रखते हैं, तो युद्ध आधिकारिक रूप से 24 घंटे के भीतर समाप्त हो जाएगा, जिससे 12 दिन का संघर्ष समाप्त होगा। ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों के बीच संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक 'पूर्ण और व्यापक' सीजफायर लागू किया जाएगा।
बाजारों में हलचल
S&P 500 के शेयरों में 0.3% और नैस्डैक में 0.5% की वृद्धि हुई। जापान का निक्केई इंडेक्स 38,905 तक पहुंच गया, जो पिछले दिन के 38,354 से काफी ऊपर है। सीजफायर की खबर के चलते डॉलर की कीमत में गिरावट आई। जापानी येन की तुलना में यह 0.1% कमजोर होकर 145.92 येन पर आ गया। यूरो भी 0.1% बढ़कर 1.1589 डॉलर पर पहुंच गया।
ईरान का तेल निर्यात
ईरान, ओपेक का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उत्पादक है। तनाव कम होने से यह अपने तेल निर्यात को बढ़ा सकता है और सप्लाई में आ रही रुकावट से बच सकता है, जो हाल के समय में तेल की कीमतों में वृद्धि का मुख्य कारण रहा है। IG के विश्लेषक टोनी सायकेमोर ने बताया कि सीजफायर की घोषणा के साथ, पिछले हफ्ते कच्चे तेल की कीमत में जोखिम प्रीमियम लगभग समाप्त हो गया है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से येन और यूरो को लाभ हुआ है, क्योंकि जापान और यूरोपीय संघ तेल और प्राकृतिक गैस के आयात पर निर्भर हैं, जबकि अमेरिका एक निर्यातक देश है।