ईरान में स्टारलिंक सेवा शुरू, मस्क का बड़ा कदम
ईरान में इंटरनेट शटडाउन के बीच स्टारलिंक की शुरुआत
ईरान में स्टारलिंक: ईरान में इंटरनेट सेवा के ठप होने के बीच, टेक्नोलॉजी के दिग्गज एलन मस्क ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। उन्होंने शनिवार को बताया कि उनकी स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा अब ईरान में उपलब्ध है। यह घोषणा उस समय की गई जब ईरान के संचार मंत्रालय ने शुक्रवार को इजरायल के हमलों के बाद देशभर में इंटरनेट पर अस्थायी रोक लगाने की बात कही थी।
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ISNA के अनुसार, मंत्रालय ने कहा कि ये प्रतिबंध सुरक्षा कारणों से लगाए गए हैं और स्थिति सामान्य होने पर इन्हें हटा दिया जाएगा।
स्टारलिंक की विशेषताएं
स्टारलिंक क्या है?
स्टारलिंक, एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का एक प्रोजेक्ट है, जो लो अर्थ ऑर्बिट में हजारों छोटे सैटेलाइट्स के माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने में उच्च गति इंटरनेट सेवा प्रदान करता है। यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए लाभकारी है, जहां सामान्य संचार व्यवस्था बाधित हो गई है।
मस्क ने पहले भी संकट के समय में यूक्रेन, गाजा और अन्य क्षेत्रों में यह सेवा शुरू की थी। अब इसे ईरान में सूचना की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
सैन्य संघर्ष के बीच मस्क का साहसिक कदम
सैन्य संघर्ष के बीच मस्क का बड़ा कदम
ईरान में स्टारलिंक को सक्रिय करना न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उस समय हुआ है जब युद्ध के बीच आम नागरिकों के पास सूचना और संचार के साधन नहीं थे। जैसे-जैसे इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष बढ़ रहा है, यह स्पष्ट हो रहा है कि यह युद्ध केवल बमों से नहीं, बल्कि सूचनाओं के माध्यम से भी लड़ा जा रहा है। इस संदर्भ में, एलन मस्क एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता सैन्य संघर्ष
दोनों देशों में तेजी से बढ़ रहा है सैन्य संघर्ष
इंटरनेट सेवा के ठप होने के बीच, इजरायल और ईरान के बीच सैन्य टकराव तेज हो गया है। इजरायली सेना ने शनिवार को एक बयान में कहा कि उसने तेहरान क्षेत्र सहित ईरान के कई मिसाइल लॉन्चर और एयर डिफेंस बेस पर हमले किए हैं।
सेना के अनुसार, ये हमले ईरान द्वारा इजरायल पर मिसाइल दागे जाने के जवाब में किए गए हैं। ईरान ने हाल ही में इजरायली सैन्य और परमाणु स्थलों पर हुए हमलों के जवाब में यह कार्रवाई की है, जिसमें कुछ जनरल और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए थे।