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उत्तर प्रदेश में दलित छात्र की पिटाई: शिक्षक पर गंभीर आरोप

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में एक दलित छात्र को हिंदी की किताब न लाने पर शिक्षक द्वारा बेरहमी से पीटने का मामला सामने आया है। छात्र का आरोप है कि शिक्षक ने उसकी जाति पूछने के बाद उसे इतनी बुरी तरह मारा कि वह बेहोश हो गया। परिवार ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन पुलिस और स्कूल प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस घटना ने छात्र के परिवार में आक्रोश पैदा कर दिया है, और छात्र अब स्कूल जाने से डर रहा है।
 

रायबरेली में दलित छात्र के साथ बर्बरता

UP News: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले से एक गंभीर घटना की जानकारी मिली है। यहां एक दलित छात्र को केवल इसलिए बेरहमी से पीटा गया क्योंकि वह अपनी हिंदी की किताब स्कूल नहीं लाया था। छात्र का कहना है कि शिक्षक ने पहले उसकी जाति पूछी और फिर गुस्से में आकर उसे इतनी बुरी तरह मारा कि वह कक्षा में ही बेहोश हो गया।


परिजनों ने की शिकायत, कार्रवाई की मांग

पीड़ित छात्र के परिवार ने इस घटना की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई है और आरोपी शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। हालांकि, इस मामले पर न तो पुलिस और न ही स्कूल प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया आई है।


कक्षा में किताब न लाने पर शिक्षक का गुस्सा

सलोन थाना क्षेत्र के एक इंटर कॉलेज में कक्षा 12 का छात्र अपनी हिंदी की किताब लाना भूल गया। इस पर शिक्षक ओमप्रकाश शुक्ला ने गुस्से में आकर छात्र को कक्षा में जमकर पीटा और फिर उसे बाहर ले जाकर भी मारते रहे।


पिटाई के बाद छात्र बेहोश

छात्र ने बताया कि पिटाई के दौरान शिक्षक ने उससे जाति पूछी। जब उसने अपनी जाति बताई, तो शिक्षक ने और भी अधिक बेरहमी से उसकी पिटाई की। छात्र का कहना है कि वह इतनी मार खा चुका था कि वह कक्षा में ही बेहोश हो गया।


होश में आने के बाद भी उसे घर नहीं भेजा गया, बल्कि स्कूल में ही रोका गया। पीड़ित छात्र का कहना है कि आरोपी शिक्षक ने उसे धमकी दी कि पुलिस या कोई भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इसके बाद उससे होमवर्क पूरा करने को भी कहा गया।


गहरे लाल निशान और परिवार का आक्रोश

पिटाई के कारण छात्र के शरीर पर गहरे लाल निशान पड़े हैं। घर पहुंचकर उसने पूरी घटना अपने परिजनों को बताई, जिसके बाद परिवार ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई।


अब तक पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है और न ही स्कूल प्रशासन ने कोई बयान जारी किया है। इससे छात्र के परिवार में आक्रोश है। फिलहाल, पीड़ित छात्र डरा हुआ है और उसने स्कूल जाना बंद कर दिया है।