उत्तर भारत में मानसून के बादल फटने से बाढ़ का कहर
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति
देहरादून/शिमला। दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी के साथ ही उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। उत्तराखंड में बादल फटने के कारण कई गांवों में बाढ़ आ गई है, जिसमें एक घटना में 15 लोगों की जान चली गई है, जबकि 16 लोग लापता हैं। इसी तरह, हिमाचल प्रदेश में भी एक बड़ा हादसा हुआ है, जिसमें तीन लोगों की मृत्यु हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में इन राज्यों में बाढ़ की स्थिति का निरीक्षण किया और आर्थिक सहायता प्रदान की।
देहरादून में बाढ़ का प्रभाव
उत्तराखंड के देहरादून में मंगलवार सुबह पांच बजे बादल फटने से तमसा, कारलीगाड़, टोंस और सहस्त्रधारा नदियों का जलस्तर बढ़ गया। इससे तपोवन, आईटी पार्क, घंगौरा और घड़ी कैंट जैसे क्षेत्रों में कई घरों, दुकानों और मंदिरों में पानी भर गया। कई सड़कें भी बह गईं। विकास नगर में टोंस नदी का जल प्रवाह अचानक तेज हो गया, जिससे मजदूरों से भरा एक ट्रैक्टर नदी में बह गया। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि 13 शव देहरादून में मिले हैं, जबकि पिथौरागढ़ और नैनीताल में एक-एक शव बरामद हुआ है।
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की घटनाएं
हिमाचल प्रदेश के मंडी में मंगलवार को भूस्खलन के कारण एक मकान ढह गया, जिसमें एक ही परिवार के पांच लोग मलबे में दब गए। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा, मंडी के दरंग में मंदिर जा रहे दो लोग सुमा खड्ड के तेज बहाव में बह गए। इनमें से एक का शव मिल गया है, जबकि दूसरे की तलाश जारी है। धर्मपुर बस स्टैंड पर बारिश के बाद मलबा भर गया, जिससे कई बसें बाढ़ में बह गईं।