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उत्तरकाशी में बादल फटने से आई आपदा: राहत कार्य जारी

उत्तरकाशी में 5 अगस्त 2025 को बादल फटने और भूस्खलन की घटना ने भारी तबाही मचाई है। इस आपदा में कई लोग लापता हैं और राहत कार्य जारी हैं। भारतीय सेना और एनडीआरएफ की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में जुटी हैं। जानें इस घटना के बारे में और राहत प्रयासों की जानकारी।
 

उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना

उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में 5 अगस्त 2025 को बादल फटने और भूस्खलन ने व्यापक तबाही मचाई। खीर गंगा नदी में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने कई घरों, होटलों, दुकानों और बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया। इस आपदा में कम से कम पांच लोगों की जान चली गई है, जबकि 50 से अधिक लोग लापता हैं, जिनमें भारतीय सेना के एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) सहित नौ सैन्यकर्मी भी शामिल हैं।


राहत और बचाव कार्यों में जुटी टीमें

भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्यों में तेजी से जुटी हुई हैं। अब तक 400 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।


सेना और एनडीआरएफ का राहत अभियान

भारतीय सेना ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 14 राजपूताना राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन के नेतृत्व में 150 जवानों की एक टीम को राहत कार्यों के लिए तैनात किया। सेना ने ड्रोन, ट्रैकर कुत्तों और अर्थमूविंग उपकरणों का उपयोग कर मलबे में फंसे लोगों की खोज तेज कर दी है। हर्षिल में सेना का एक शिविर भी प्रभावित हुआ, जिसमें 11 सैन्यकर्मी लापता हैं। इनमें से दो को बचा लिया गया है, लेकिन एक JCO और आठ जवान अभी भी लापता हैं।


एनडीआरएफ की सहायता

एनडीआरएफ ने 69 कर्मियों, चार खोजी कुत्तों और दो कैडवर कुत्तों को तैनात किया है, जो जीवित बचे लोगों और शवों की खोज में मदद कर रहे हैं। यह एनडीआरएफ के इतिहास में पहली बार है जब कैडवर कुत्तों का उपयोग किया गया है। आईटीबीपी की 16 टीमें और एसडीआरएफ की चार टीमें भी राहत कार्यों में सक्रिय हैं। सहस्त्रधारा से तीन सिविल हेलीकॉप्टरों ने भटवारी और हर्षिल में राहत सामग्री पहुंचाई है, जबकि चिनूक, Mi-17, और ALH हेलीकॉप्टर जॉली ग्रांट, चंडीगढ़ और सरसावा में तैयार हैं।


सुरक्षित निकाले गए लोग

भारतीय वायु सेना (IAF) ने चिनूक और Mi-17V5 हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ C-295 और AN-32 परिवहन विमानों का उपयोग कर 20 टन राहत सामग्री और 130 कर्मियों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा है। हर्षिल में अस्थायी हेलीपैड चालू किया गया है, जिससे हेली रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आई है। 9 सैन्यकर्मियों और 3 नागरिकों को हेलीकॉप्टर से देहरादून पहुंचाया गया है, जबकि गंभीर रूप से घायल तीन लोगों को एम्स ऋषिकेश भेजा गया है।


बचाए गए लोगों की स्थिति

अब तक 400 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जिनमें से 274 को सेना, वायु सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय स्वयंसेवकों की संयुक्त प्रयासों से बचाया गया है। बचाए गए लोगों को कोपांग के आईटीबीपी कैंप में ठहराया गया है, जहां उन्हें भोजन, चिकित्सा सहायता और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।