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उत्तरकाशी में बादल फटने से तबाही, मुख्यमंत्री ने किया नुकसान का जायजा

उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें कई घर बह गए और लोग लापता हो गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली का दौरा किया, जहां उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात की और राहत कार्यों की समीक्षा की। भारतीय सेना और अन्य एजेंसियों द्वारा बचाव कार्य जारी है। जानें इस आपदा के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 

उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना


उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना: उत्तराखंड के उत्तरकाशी क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। धराली गांव में कई घर तेज बहाव में बह गए हैं और बड़ी संख्या में लोग लापता हैं, जिनकी खोज के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली का दौरा किया, जहां उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनकी स्थिति का जायजा लिया। भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों द्वारा बचाव कार्य जारी है।


मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उन्होंने धराली में आपदा के प्रभाव का आकलन किया और चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की। उन्होंने स्थानीय लोगों, बुजुर्ग महिलाओं और घायलों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। घायलों के उचित उपचार के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संकट के इस समय में राज्य सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है।


उन्होंने आगे बताया कि राहत कार्यों को तेज करने के लिए दो हेलीकॉप्टरों से खाद्य और राहत सामग्री धराली भेजी गई है। इसके अलावा, चिनूक हेलीकॉप्टर की सहायता से भारी मशीनरी भी भेजी जा रही है, ताकि राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल, बिजली और संचार सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल किया जाए।



पर्यटक भी लापता
बताया जा रहा है कि बादल फटने और भूस्खलन के कारण कई पर्यटक भी लापता हैं। उनके परिवार के सदस्य उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। ये पर्यटक विभिन्न राज्यों से आए थे।


मलबे में फंसे लोगों की मदद
उत्तरकाशी में आपदा के दौरान सेना और राहत दल दिन-रात काम कर रहे हैं। मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ के दल पूरी ताकत से जुटे हुए हैं। आपदा कंट्रोल रूम से हर पल की निगरानी की जा रही है। आईटीबीपी और आर्मी के जवान धराली में फंसे ग्रामीणों तक पहुंचने के लिए 25 फीट ऊंचे मलबे में रास्ता बनाने का प्रयास कर रहे हैं। अस्थाई पुल बनाने की कोशिश की जा रही है, जहां करीब 200 लोग फंसे हुए हैं।