×

उत्तराखंड में बादल फटने से आई प्राकृतिक आपदा, राहत कार्य जारी

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में शुक्रवार रात को बादल फटने की घटना ने कई गांवों में अफरा-तफरी मचा दी। इस आपदा के कारण घरों में पानी भर गया और कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा। राहत की बात यह है कि अब तक किसी जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। एसडीआरएफ की टीम ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकाला। केदारनाथ यात्रा पर भी इसका असर पड़ा है, जिसके चलते यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
 

प्राकृतिक आपदा का सामना

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि ब्लॉक के रुमसी गांव में शुक्रवार रात को एक गंभीर प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा। 25 जुलाई की मध्य रात्रि में अचानक बादल फटने की घटना ने बिजयनगर और आसपास के कई गांवों में अफरा-तफरी मचा दी। इस आपदा के कारण घरों में पानी भर गया, कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए और कृषि भूमि को भी भारी नुकसान पहुंचा। हालांकि, राहत की बात यह है कि अब तक किसी भी प्रकार के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।


भूस्खलन और यात्रा पर प्रभाव

बादल फटने के साथ ही मलबा और पानी रिहायशी इलाकों में बहकर आ गया। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल सतर्क हैं। भारी बारिश के कारण क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाएं भी लगातार हो रही हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हो गया है। केदारनाथ यात्रा पर भी इस आपदा का असर पड़ा है। एसडीआरएफ की रिपोर्ट के अनुसार, सोनप्रयाग से आगे के क्षेत्रों में भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है, जिसके कारण यात्रा मार्ग आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केदारनाथ यात्रा को गौरीकुंड में अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।


राहत कार्य और सुरक्षा उपाय

घटना की जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ की टीम, उप निरीक्षक आशीष डिमरी के नेतृत्व में तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। टीम ने मौके पर पहुंचकर सूझबूझ से राहत कार्य शुरू किया और रास्ते में फंसे लगभग 100 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। पीडब्ल्यूडी के मजदूरों की मदद से वैकल्पिक मार्ग का निर्माण युद्धस्तर पर जारी है, ताकि जल्द से जल्द आवागमन बहाल किया जा सके और तीर्थयात्रियों को सुरक्षित मार्ग मिल सके। एसडीआरएफ की टीम प्रभावित क्षेत्र में लगातार मौजूद है और हर स्थिति पर नजर रख रही है।