उत्तराखंड हेलीकॉप्टर दुर्घटना: मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए
उत्तराखंड हेलीकॉप्टर दुर्घटना का विवरण
उत्तराखंड हेलीकॉप्टर दुर्घटना: केदारनाथ से लौटते समय रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना हुई, जिसमें सात लोगों की जान चली गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना के बाद उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और हेलीकॉप्टर संचालन की निगरानी के लिए देहरादून में एक केंद्रीकृत 'कमांड एंड कोऑर्डिनेशन सेंटर' स्थापित किया जाएगा।
दुर्घटना का कारण
दुर्घटना का शिकार हेलीकॉप्टर आर्यन एविएशन कंपनी का था, जो केदारनाथ से गुप्तकाशी की ओर उड़ान भर रहा था। जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे के अनुसार, अचानक मौसम खराब होने के कारण पायलट ने सुरक्षित लैंडिंग का प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं हो सके और हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
आपात बैठक का आयोजन
मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून में एक आपात बैठक बुलाई, जिसमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए, उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA), आपदा प्रबंधन विभाग और निजी हेलीकॉप्टर कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। उन्होंने कहा, 'राज्य के नागरिकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, इसमें कोई समझौता नहीं किया जाएगा।'
हेलीकॉप्टर सेवाओं का निलंबन
सुरक्षा के मद्देनजर, चारधाम यात्रा के लिए सभी हेलीकॉप्टर सेवाओं को सोमवार तक अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। इस दौरान, हिमालयी क्षेत्र में उड़ान भरने वाले सभी पायलटों और ऑपरेटरों की योग्यता की समीक्षा की जाएगी।
सुरक्षा मानक और तकनीकी सुधार
मुख्यमंत्री ने गृह सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का आदेश दिया है, जिसमें डीजीसीए, UCADA, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एटीसी के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह समिति हेलीकॉप्टर सेवाओं के लिए सुरक्षा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करेगी और सितंबर तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
मौसम पूर्वानुमान प्रणाली में सुधार
सीएम धामी ने पहाड़ी क्षेत्रों में रीयल टाइम मौसम पूर्वानुमान प्रणाली स्थापित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि उड़ानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने डीजीसीए के दिशा-निर्देशों को और सख्त बनाने पर भी जोर दिया।
मृतकों के परिवारों को सहायता
मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन को मृतकों के परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करने और उनके पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक उनके गृह राज्य भेजने के निर्देश दिए हैं।