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उप राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की एकजुटता और क्रॉस वोटिंग का रहस्य

उप राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की एकजुटता और क्रॉस वोटिंग के रहस्य पर चर्चा की गई है। इस बार विपक्ष ने एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया, फिर भी कई सांसदों ने वोटों में गड़बड़ी की। जानें कैसे भाजपा ने इस स्थिति को प्रबंधित किया और किसने वोट दिया। ममता बनर्जी के आरोपों और आम आदमी पार्टी के सांसदों की स्थिति पर भी रोशनी डाली गई है।
 

विपक्ष की एकजुटता और एनडीए का समर्थन

इस बार उप राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष ने एकजुटता दिखाई। ‘इंडिया’ ब्लॉक की किसी भी पार्टी ने एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन करने की घोषणा नहीं की, जो पहले अक्सर होता था। विभिन्न क्षेत्रों या अन्य आधारों पर पार्टियां राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के चुनाव में अलग-अलग वोट डालती थीं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। फिर भी, कम से कम 29 वोटों का इधर-उधर होना देखा गया। सांसदों ने या तो क्रॉस वोटिंग की या जानबूझकर अपने वोट को अमान्य किया, जिससे एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत का अंतर बढ़ सके। यह कोई संयोग नहीं था, बल्कि भाजपा ने इसे प्रबंधित किया। भाजपा को पता है कि ‘इंडिया’ ब्लॉक की कौन सी पार्टी के सांसद ने क्रॉस वोट किया या वोट अमान्य किया। इसी कारण, चुनाव की जिम्मेदारी संभाल रहे किरेन रिजिजू और एकनाथ शिंदे ने एनडीए का समर्थन करने वाले विपक्षी सांसदों को धन्यवाद दिया। यह विपक्षी गठबंधन में नई कलह का कारण बना।


ममता बनर्जी का आरोप और झारखंड का संदर्भ

तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि सांसदों को एनडीए उम्मीदवार को वोट देने के लिए करोड़ों रुपए दिए गए। यह नया आरोप नहीं है, क्योंकि 2022 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी ऐसे ही आरोप लगे थे। कहा गया था कि झारखंड में कांग्रेस विधायकों को पैसे दिए गए। जुलाई 2022 के बाद कांग्रेस के टूटने और हेमंत सोरेन की सरकार गिरने की चर्चाएं तेज हुई थीं। हालांकि, यह सच है कि कई कांग्रेस विधायकों ने एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया। झारखंड में सीपी राधाकृष्णन के राज्यपाल रहने के कारण, कई सांसदों ने व्यक्तिगत संबंधों या आदिवासी पहचान के आधार पर वोट दिया। इस बार भी झारखंड के कुछ विधायकों के एनडीए को वोट देने की चर्चा है।


आम आदमी पार्टी और अन्य सांसदों की स्थिति

आम आदमी पार्टी के सांसदों के वोट टूटने की चर्चा सबसे अधिक है। स्वाति मालीवाल के बारे में माना जा रहा है कि उन्होंने एनडीए को वोट दिया, क्योंकि वे अरविंद केजरीवाल का खुलकर विरोध करती हैं। इसके अलावा, पांच अन्य सांसदों के नाम भी चर्चा में हैं, जो पंजाब से हैं। पंजाब में आप के छह राज्यसभा और दो लोकसभा सांसद हैं। इनमें से केवल संदीप पाठक की निष्ठा स्पष्ट है, जबकि बाकी की निष्ठा संदिग्ध बताई जा रही है। सपा के एक सांसद के गड़बड़ी करने की भी चर्चा है, लेकिन किसी ने नाम नहीं लिया है। भाजपा के नेता कभी भी इस रहस्य से पर्दा उठा सकते हैं कि किसने और क्यों क्रॉस वोटिंग की।