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उप्पल फार्म ट्रैक्टर गर्ल: वायरल वीडियो और ब्लैकमेलिंग का मामला

सोशल मीडिया पर 'उप्पल फार्म' नाम से मशहूर एक लड़की के विवादास्पद वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। पीड़िता ने बताया कि उसे ब्लैकमेल किया जा रहा था और इस मामले में पंजाब महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और आयोग की कार्रवाई के बारे में।
 

उप्पल फार्म ट्रैक्टर गर्ल का विवाद

उप्पल फार्म ट्रैक्टर गर्ल: सोशल मीडिया पर 'उप्पल फार्म' के नाम से जानी जाने वाली एक युवती के कई विवादास्पद वीडियो सामने आने के बाद इंटरनेट पर हलचल मच गई है। ये वीडियो तेजी से फैल गए और जब सच्चाई उजागर हुई, तो सभी चौंक गए।


जानकारी के अनुसार, प्रभ नामक एक युवक लंबे समय से इन वीडियो को बनाकर युवती को ब्लैकमेल कर रहा था। इन वीडियो के लीक होने के बाद पूरा मामला सामने आया। प्रभ को पीड़िता का मंगेतर बताया जा रहा है। पीड़िता ने खुद अपने अनुभव साझा किए।


पीड़िता ने अपने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी में कहा कि किसी का नाम लेकर उसे बदनाम न किया जाए। उसने स्पष्ट किया कि उसका यादविंदर नाम के युवक से कोई संबंध नहीं था, बल्कि जग्गा नाम के व्यक्ति के माध्यम से उसकी मुलाकात हुई थी।


ब्लैकमेलिंग का सिलसिला

25 फरवरी से शुरू हुआ था सिलसिला


उसने बताया कि यह सिलसिला 25 फरवरी से शुरू हुआ था और तब से उसे लगातार ब्लैकमेल किया जा रहा था। इस दौरान वह डिप्रेशन का सामना कर रही थी। हाल ही में, वीडियो के वायरल होने के बाद मामला और गरमा गया। लड़की ने यह भी बताया कि लड़के के परिवार ने उसके घर आकर हंगामा किया और पुलिस में शिकायत न करने के लिए दबाव डाला।


इंस्टाग्राम अकाउंट 'मिट्टी' पर साझा किए गए एक इंटरव्यू में, लड़की ने कहा कि उसे नशीला पदार्थ दिया गया और उसके कई अश्लील वीडियो बनाए गए, जो बाद में इंटरनेट पर वायरल कर दिए गए। इससे न केवल लड़की बल्कि उसके पूरे परिवार को झटका लगा है।


महिला आयोग की कार्रवाई

महिला आयोग ने लिया संज्ञान


पंजाब महिला आयोग ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए कठोर कार्रवाई की है। आयोग की अध्यक्ष राज लाली गिल ने कहा कि यह घटना अत्यंत शर्मनाक है और दोषियों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। आयोग ने संबंधित अधिकारियों और पुलिस से पूरी रिपोर्ट मांगी है और जल्द से जल्द जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं।


आयोग ने कहा कि हम ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हैं और पंजाब में महिलाओं के अधिकारों, सम्मान और स्थिति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। आयोग ने स्थानीय पुलिस को पत्र लिखकर 22 अगस्त तक जांच की स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है, जिसमें वीडियो प्रसारित करने वाले दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का विवरण भी शामिल हो। मामले की पुलिस जांच जारी है।