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एनसीईआरटी के नए पाठ्यक्रम में जिन्ना और कांग्रेस की भूमिका का खुलासा

एनसीईआरटी के नए शिक्षा मॉड्यूल में मोहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस पार्टी और ब्रिटिश सरकार को भारत के विभाजन के लिए समान रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है। यह पाठ्यक्रम छात्रों को यह सिखाएगा कि कैसे इन तीनों ने मिलकर एक भयानक मानवीय त्रासदी को जन्म दिया, जिसमें लाखों लोग प्रभावित हुए। जानें इस महत्वपूर्ण विषय पर और क्या कहा गया है।
 

भारत के विभाजन में जिन्ना और कांग्रेस की भूमिका

एनसीईआरटी द्वारा प्रस्तुत नए शिक्षा मॉड्यूल के अनुसार, मोहम्मद अली जिन्ना, ब्रिटिश सरकार और कांग्रेस पार्टी को भारत के विभाजन के लिए समान रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है। यह पहली बार है जब पाठ्यक्रम में इस दृष्टिकोण को शामिल किया जा रहा है, जिसमें छात्रों को बताया जाएगा कि जिन्ना और अंग्रेजों के साथ-साथ कांग्रेस भी उस भयानक मानवीय त्रासदी के लिए उत्तरदायी थी, जिसमें लगभग छह लाख लोग मारे गए और डेढ़ करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए।


इस शिक्षा मॉड्यूल में एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया गया है: भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार कौन हैं? इसके उत्तर में जिन्ना, कांग्रेस और ब्रिटिश सरकार का नाम लिया गया है। इसमें पंडित नेहरू के जुलाई 1947 के भाषण का भी उल्लेख है, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के सामने दो विकल्प थे: विभाजन को स्वीकार करना या चल रहे संघर्ष को जारी रखना। उन्होंने यह भी कहा कि विभाजन भले ही बुरा है, लेकिन एकता की कीमत के मुकाबले गृह युद्ध की कीमत अधिक होगी। इस प्रकार, भारत सरकार ने कांग्रेस विरोधी एक महत्वपूर्ण नैरेटिव को पाठ्यक्रम में शामिल किया है।