एम्स बठिंडा: स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई दिशा का प्रतीक
अनुराग सिंह ठाकुर का एम्स बठिंडा दौरा
-पंजाब और राजस्थान के लाखों लोगों के लिए वरदान बना एम्स बठिंडा: अनुराग सिंह ठाकुर
बठिंडा: पूर्व केंद्रीय मंत्री और बठिंडा AIIMS के गवर्निंग बॉडी के सदस्य अनुराग सिंह ठाकुर ने आज एम्स बठिंडा में प्रेसिडेंट अनिल गुप्ता और अन्य उच्चाधिकारियों के साथ स्वास्थ्य सेवाओं और प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर चर्चा की। उन्होंने परिसर में एक पेड़ माँ के नाम कार्यक्रम के तहत वृक्षारोपण कर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से विकासशील से विकसित राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है। पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार के कारण महामारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सका है। इलाज को सस्ती दरों पर उपलब्ध कराना मोदी सरकार की प्राथमिकता है, और यह केवल स्वास्थ्य देखभाल तक सीमित नहीं है, बल्कि समग्र कल्याण पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। देशभर में एम्स की बढ़ती संख्या इसका प्रमाण है।
उन्होंने आगे कहा कि बठिंडा AIIMS के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर स्वास्थ्य सेवाओं पर चर्चा करना एक महत्वपूर्ण अवसर था। यह देखकर खुशी हुई कि एम्स बठिंडा के निर्माण से पंजाब और राजस्थान के कई जिलों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि वे मोदी सरकार द्वारा स्थापित इस एम्स का भरपूर लाभ उठा रहे हैं। सालाना 3 लाख से अधिक ओपीडी और 30 हजार आईपीडी मरीजों की संख्या इसका प्रमाण है। एम्स बठिंडा में मरीजों के तीमारदारों के लिए रात्रि ठहरने की व्यवस्था भी उपलब्ध है, जिससे जनता को बड़ी सुविधा मिल रही है।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि एम्स अपनी गुणवत्ता और सस्ते इलाज के लिए प्रसिद्ध हैं। जब मरीज अन्य जगहों पर इलाज कराने के बाद थक जाते हैं, तो वे एम्स का रुख करते हैं। उन्हें यहां बेहतर इलाज मिलने का पूरा भरोसा होता है। हालांकि, देश का दुर्भाग्य यह है कि दशकों तक एम्स के निर्माण पर ध्यान नहीं दिया गया। 1956 में दिल्ली में पहला एम्स स्थापित किया गया था, और इसके बाद वाजपेयी सरकार के दौरान इसके निर्माण की दिशा में कदम उठाए गए। 2014 तक देश में केवल 6 एम्स थे, लेकिन मोदी सरकार ने इस दिशा में ध्यान दिया और अब निर्माणाधीन और कार्यरत एम्स की संख्या 26 तक पहुंच गई है। यह उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।