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एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीलाइनर विमान पर अहमदाबाद हादसे के बाद उठे सवाल

हाल ही में अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीलाइनर विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, विमानों की सुरक्षा और तकनीकी जांच पर सवाल उठने लगे हैं। एयर इंडिया के पास 27 ऐसे विमान हैं, जो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए उपयोग किए जाते हैं। इस लेख में हम इस विमान के इतिहास, इसकी तकनीकी विशेषताओं और हालिया हादसे के प्रभाव पर चर्चा करेंगे। क्या यह विमान वास्तव में सुरक्षित है? जानें इस लेख में।
 

बोइंग विमान की चर्चा फिर से शुरू

अहमदाबाद में हाल ही में हुए विमान दुर्घटना के बाद, बोइंग के विमानों पर चर्चा तेज हो गई है। एयर इंडिया के पास वर्तमान में 27 बोइंग 787-8 ड्रीलाइनर विमान हैं, जिनमें से एक विमान इस हादसे का शिकार हुआ। ये सभी विमान अमेरिका से खरीदे गए थे। बोइंग, जो कि इन विमानों का निर्माता है, का दावा है कि वे कई तकनीकी परीक्षणों के बाद ही इन्हें विभिन्न देशों को बेचते हैं।


अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए उपयोग

एयर इंडिया ने बताया कि ये विमान वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए उपयोग किए जा रहे हैं। बोइंग 787-8 ड्रीलाइनर विमान अहमदाबाद, दिल्ली और मुंबई से कई अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ान भरते हैं। यात्री इन विमानों का उपयोग लंदन, सिंगापुर, दुबई, टोक्यो और सिडनी जैसे शहरों के लिए करते हैं। कंपनी का दावा है कि ये विमान दुनिया के सबसे उन्नत विमानों में से एक हैं, लेकिन अहमदाबाद में हुई दुर्घटना ने इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं।


बोइंग की बिक्री में वृद्धि

एक रिपोर्ट के अनुसार, बोइंग ने वर्ष 2025 में विभिन्न देशों को 1700 से अधिक विमान बेचे हैं। ये विमान लंबी दूरी की यात्रा के लिए उपयोग किए जाते हैं, और एशिया के साथ-साथ यूरोप के कई देशों में भी इनका इस्तेमाल होता है।


बोइंग का ऐतिहासिक हादसा

बोइंग 787-8 वेरिएंट ने 2009 में अपनी पहली उड़ान भरी थी। अपने 15 साल के इतिहास में, यह विमान पहली बार दुर्घटना का शिकार हुआ है। इसे दुनिया के सबसे उन्नत विमानों में से एक माना जाता है, जिसकी बॉडी कार्बन फाइबर कंपोजिट से बनी होती है। बोइंग का दावा है कि यह कम ईंधन में लंबी दूरी की यात्रा करने में सक्षम है।