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एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में एटीएस की महत्वपूर्ण भूमिका, डीवीआर से मिल सकती है सच्चाई

अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान हादसे के बाद, एटीएस ने एक डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) बरामद किया है, जो जांच में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इस डीवीआर में विमान के अंदर के सीसीटीवी फुटेज हो सकते हैं, जो दुर्घटना के कारणों को स्पष्ट करने में मदद करेंगे। एफएसएल टीम इस डीवीआर का तकनीकी विश्लेषण करेगी, जिससे यह पता चलेगा कि क्या तकनीकी खामी या मानव त्रुटि ने हादसे का कारण बनी। एटीएस की भूमिका भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि किसी भी विमान हादसे में सुरक्षा खतरे की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।
 

जांच एजेंसियों की सक्रियता

अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान दुर्घटना के बाद, जांच एजेंसियां तेजी से कार्यरत हो गई हैं। इस दुखद घटना के मलबे से गुजरात एंटी टेरेरिज्म स्क्वाड (एटीएस) ने एक डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) बरामद किया है, जो इस जांच में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


डीवीआर से मिल सकती है दुर्घटना की असली वजह

एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि यह डीवीआर मलबे से सुरक्षित निकाला गया है। उन्होंने कहा, "यह एक डीवीआर है जिसे हमने मलबे से बरामद किया है। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीम जल्द ही इसकी जांच के लिए आएगी।" इस डीवीआर में विमान के अंदर के सीसीटीवी फुटेज होने की संभावना है, जो दुर्घटना के समय के क्षणों को कैद कर सकता है। इससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि क्या विमान में तकनीकी खराबी थी या कोई अन्य कारण था।


एफएसएल टीम करेगी तकनीकी विश्लेषण

गुजरात की फॉरेंसिक टीम (FSL) इस DVR का तकनीकी विश्लेषण करेगी। टीम यह सुनिश्चित करेगी कि डीवीआर की हार्ड ड्राइव कार्यशील है या नहीं, और क्या उसमें रिकॉर्ड किया गया डेटा पुनः प्राप्त किया जा सकता है। इस जांच से यह स्पष्ट हो सकता है कि दुर्घटना का कारण तकनीकी खामी, मानव त्रुटि या बाहरी हस्तक्षेप था। यह डीवीआर दुर्घटना की ब्लैक बॉक्स रिकॉर्डिंग के साथ मिलकर जांच प्रक्रिया को और मजबूत बना सकता है।


एटीएस की भूमिका

एटीएस आमतौर पर आतंकवादी घटनाओं या संदिग्ध गतिविधियों की जांच करती है। किसी भी विमान हादसे में सुरक्षा खतरे या संभावित साजिश की संभावना को नकारा नहीं जा सकता, इसलिए एटीएस को प्रारंभिक जांच में शामिल किया गया है। यदि डीवीआर में कोई संदिग्ध गतिविधि रिकॉर्ड हुई है, तो एटीएस द्वारा की गई यह बरामदगी बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।


आगे की प्रक्रिया

जैसे ही एफएसएल टीम डीवीआर की जांच पूरी करेगी, उसे नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) के साथ साझा किया जाएगा। इसके बाद विमान निर्माता बोइंग की तकनीकी टीम भी इस डेटा की पुष्टि करेगी। इस दुर्घटना में 241 लोगों की जान गई, जिससे पूरे देश में शोक की लहर है। ऐसे में, हादसे की सटीक वजह का पता लगाना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव करना सरकार और एजेंसियों की प्राथमिकता बन गया है।