×

एलडीए द्वारा मुख्तार अंसारी की ज़मीन पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फ्लैटों का आवंटन

उत्तर प्रदेश में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने माफिया मुख्तार अंसारी की ज़मीन पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फ्लैटों का आवंटन करने की योजना बनाई है। यह आवंटन उन मकानों के लिए होगा, जिनका निर्माण पिछले साल डालीबाग में हुआ था। पंजीकरण प्रक्रिया अगस्त में शुरू होगी। एलडीए ने लगभग दो साल पहले इस ज़मीन पर 72 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) फ्लैटों का निर्माण किया था। जानिए इस प्रक्रिया के बारे में और क्या है इसके पीछे की कहानी।
 

मुख्तार अंसारी की ज़मीन पर आवास योजना का आवंटन

उत्तर प्रदेश में एक महत्वपूर्ण विकास के तहत, लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) माफिया मुख्तार अंसारी की संपत्ति पर प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बने फ्लैटों का आवंटन करेगा। यह आवंटन उन मकानों के लिए किया जाएगा, जिनका निर्माण पिछले साल डालीबाग में हुआ था, जहां मुख्तार अंसारी की मृत्यु हृदय गति रुकने से हुई थी। एलडीए अगस्त में इन फ्लैटों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करेगा। एलडीए के अध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि मुख्तार ने डालीबाग की ज़मीन पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर एक इमारत का निर्माण किया था, जिसे बाद में ध्वस्त कर दिया गया। यह ज़मीन मुख्तार के बेटों के नाम पर है। 


72 फ्लैटों का निर्माण

सरकार द्वारा ज़मीन पर कब्ज़ा लेने के बाद, एलडीए ने लगभग दो साल पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 72 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) फ्लैटों का निर्माण किया था। कुछ फ्लैटों से संबंधित कार्य अगले दो-तीन महीनों में पूरे होने की उम्मीद है। निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए एक नई ठेकेदार कंपनी का चयन किया जा रहा है, क्योंकि पहले के ठेकेदार का निधन हो गया था। एलडीए के अध्यक्ष ने बताया कि न्यायालय में मामला लंबित होने के कारण पंजीकरण में देरी हुई थी, लेकिन अब न्यायालय ने राहत दी है, जिससे पंजीकरण जल्द ही शुरू होगा। मुख्तार ने डालीबाग में निष्क्रांत संपत्ति पर कब्ज़ा कर अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर एक भव्य हवेली बनवाई थी।


पंजीकरण प्रक्रिया की शुरुआत

2020 में, एलडीए ने मुख्तार अंसारी की इमारतों को ध्वस्त कर दिया और ज़मीन राज्य सरकार के नियंत्रण में आ गई। इस 2,321 वर्ग मीटर ज़मीन पर एलडीए ने जी+3 मंज़िला मकान बनाए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, मुख्तार अंसारी ने पहले डालीबाग में फरहत अंसारी के नाम पर उच्च अधिकारियों से नक्शा स्वीकृत कराए बिना ही मकान बनवाए थे। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एलडीए से नक्शा पास करवा लिया गया था। बाद में वर्ष 2007 में बंदोबस्ती का नक्शा पास हुआ, और निर्माण पूरा होने के बाद बिना किसी कार्रवाई के नक्शा पास कर दिया गया।