×

ऑस्ट्रेलिया में नागरिक की बहादुरी: हमलावर से लड़ा और कई जिंदगियां बचाईं

ऑस्ट्रेलिया में एक त्योहार के दौरान हुई गोलीबारी में एक नागरिक ने अपनी जान की परवाह किए बिना हमलावर से भिड़कर कई जिंदगियां बचाईं। अहमद अल अहमद नामक इस व्यक्ति ने हमलावर से राइफल छीन ली, जिससे कई लोग सुरक्षित रहे। इस घटना पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। जानें इस बहादुरी की कहानी और हमले के पीछे की पृष्ठभूमि।
 

ऑस्ट्रेलिया में गोलीबारी की घटना

ऑस्ट्रेलिया में एक त्योहार के दौरान निहत्थे लोगों पर गोलीबारी की गई। इस घटना में अहमद अल अहमद नामक व्यक्ति ने अपनी जान की परवाह किए बिना हमलावर से भिड़कर उसकी बंदूक छीन ली। इस संघर्ष में अहमद को दो गोलियां लगी हैं और वह अस्पताल में भर्ती हैं। उनके कजिन मुस्तफा ने बताया कि अहमद की हालत स्थिर है और उनका ऑपरेशन किया जाएगा। सोशल मीडिया पर अहमद की बहादुरी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह हमलावर से लड़ते हुए नजर आ रहे हैं।


सामान्य नागरिक की बहादुरी

गोलीबारी के दौरान एक आम नागरिक ने हमलावर को पकड़ लिया। घटना का वीडियो दर्शाता है कि कैसे एक व्यक्ति ने अपनी जान जोखिम में डालकर हमलावर से राइफल छीन ली। इस बहादुरी के कारण कई लोगों की जान बच गई। वीडियो में दिखाया गया है कि हमलावर फायरिंग कर रहा था, तभी एक व्यक्ति ने उसकी राइफल छीन ली और उसे जमीन पर गिरा दिया। इस व्यक्ति की पहचान अहमद अल अहमद के रूप में हुई है, जो दो बच्चों का पिता है।


ऑस्ट्रेलिया में गोलीबारी की पृष्ठभूमि

ऑस्ट्रेलिया में गोलीबारी की घटनाएं दुर्भाग्यवश कोई नई बात नहीं हैं। 1996 में पोर्ट आर्थर में 35 लोगों की हत्या के बाद से देश में सख्त हथियार कानून लागू किया गया था। इसके बाद भी कई अन्य घटनाएं हुई हैं, जिनमें निर्दोष लोगों की जान गई है।


भारत का प्रतिक्रिया

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि भारत के लोग इस दुख की घड़ी में ऑस्ट्रेलिया के लोगों के साथ खड़े हैं। मोदी ने यह भी कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाता है।


इजरायल की प्रतिक्रिया

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज की निंदा की है। उन्होंने आरोप लगाया कि अल्बनीज ने चेतावनियों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे यह हमला हुआ। नेतन्याहू का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया में यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा दिया गया है।