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कंपनियों ने सोशल मीडिया उपयोग पर कड़ी नजर रखना शुरू किया

सोशल मीडिया का उपयोग कार्यस्थल पर बढ़ता जा रहा है, जिससे कंपनियों ने कर्मचारियों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने का निर्णय लिया है। कई आईटी और कॉर्पोरेट फर्में विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि कर्मचारी काम के समय सोशल मीडिया पर कितना समय बिता रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका अत्यधिक उपयोग उत्पादकता को प्रभावित करता है। जानें कि कंपनियां इस पर कैसे कार्रवाई कर रही हैं और कर्मचारियों को क्या चेतावनियाँ दी जा रही हैं।
 

सोशल मीडिया का बढ़ता प्रभाव

आजकल, सोशल मीडिया का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, विशेषकर ऑफिस में ब्रेक के दौरान या काम के बीच रील्स देखने का चलन। कंपनियों ने इस प्रवृत्ति को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। कई आईटी और कॉर्पोरेट फर्मों ने अपने कर्मचारियों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग करना शुरू कर दिया है।


रिपोर्टों के अनुसार, इन कंपनियों का उद्देश्य यह जानना है कि कर्मचारी काम के समय सोशल मीडिया पर कितना समय बिता रहे हैं। रील्स देखना, वीडियो कॉल पर व्यक्तिगत बातें करना या गेम खेलना अब कर्मचारियों की नौकरी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।


विशेषज्ञों का मानना है कि कार्यस्थल पर सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग उत्पादकता को कम करता है। इससे न केवल कंपनी को नुकसान होता है, बल्कि टीम के प्रदर्शन पर भी असर पड़ता है। इसलिए, कई कंपनियों ने अपने आईटी विभागों को निर्देश दिया है कि वे कर्मचारियों की स्क्रीन गतिविधियों की निगरानी करें।


कुछ कंपनियों ने तो सोशल मीडिया साइट्स को ब्लॉक करने का कदम भी उठाया है। इसके अलावा, कुछ संस्थानों ने चेतावनी दी है कि यदि कोई कर्मचारी बार-बार चेतावनी के बावजूद रील देखने या सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें नौकरी से निकालना भी शामिल है।


विशेषज्ञों की सलाह है कि ऑफिस में काम के दौरान सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखी जाए और पूरी तरह से काम पर ध्यान केंद्रित किया जाए। इससे न केवल नौकरी सुरक्षित रहेगी, बल्कि करियर में आगे बढ़ने के अवसर भी बढ़ेंगे।