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कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादियों की गिरफ्तारी: क्या है इंदरजीत गोसल का कनेक्शन?

कनाडा में खालिस्तानी आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है, जिसमें तीन आतंकवादियों की गिरफ्तारी शामिल है। इनमें इंदरजीत सिंह गोसल, जो गुरपतवंत सिंह पन्नून का करीबी सहयोगी है, भी शामिल है। यह गिरफ्तारी भारत और कनाडा के बीच बढ़ते सहयोग के बीच हुई है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और गोसल का आतंकवाद से क्या संबंध है।
 

कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई

कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादियों की गिरफ्तारी: कनाडा में खालिस्तानी आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। ओंटारियो पुलिस ने तीन खालिस्तानी आतंकवादियों को हथियारों से संबंधित आरोपों में गिरफ्तार किया है, जिनमें गुरपतवंत सिंह पन्नून का करीबी सहयोगी इंदरजीत सिंह गोसल भी शामिल है। यह गिरफ्तारी तब हुई है जब कनाडा-भारत संबंधों में सुधार की कोशिशें चल रही हैं, जो पिछले साल की एक विवादास्पद हत्या के बाद तनाव में आ गई थीं। यह कार्रवाई भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और उनके कनाडाई समकक्ष नताली ड्रूइन के बीच नई दिल्ली में हुई महत्वपूर्ण वार्ता के बाद हुई है, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी थी।


गिरफ्तारी का विवरण

गिरफ्तारी का विवरण

ओंटारियो पुलिस के अनुसार, तीनों आतंकवादी 19 सितंबर 2025 को ओशावा में हाईवे 407 के पास ट्रैफिक चेक के दौरान पकड़े गए। गिरफ्तार आरोपियों की उम्र 23 से 41 वर्ष के बीच है। गिरफ्तार व्यक्तियों में 36 वर्षीय इंदरजीत गोसल (कैलिडोन), 41 वर्षीय जगदीप सिंह (पिकविल, न्यूयॉर्क, यूएसए) और 23 वर्षीय अरमान सिंह (टोरंटो) शामिल हैं। इन पर हथियारों के दुरुपयोग, खतरनाक उद्देश्य से हथियार रखने और छिपा हुआ हथियार ले जाने के आरोप लगे हैं। इन सभी आरोपों की जांच की जा रही है और इनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


इंदरजीत सिंह गोसल का परिचय

इंदरजीत सिंह गोसल का परिचय

इंदरजीत सिंह गोसल, जो खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून का करीबी सहयोगी माना जाता है, अमेरिकी खालिस्तानी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) का कनाडा में प्रमुख आयोजक है। हर्दीप सिंह निज्जर की जून 2023 में हत्या के बाद गोसल ने इस संगठन की जिम्मेदारी संभाली थी। पिछले साल नवंबर में गोसल को ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसक झड़प के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था।


कनाडा की नीति में बदलाव

खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ यह कार्रवाई कनाडा की पहले की उदार नीति से भिन्न है, जिसमें अलगाववादी संगठनों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का लाभ मिलता था। यह गिरफ्तारी भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और कनाडा की नताली ड्रूइन के बीच नई दिल्ली में हुई बातचीत के बाद हुई है, जिसमें डोवाल ने कनाडा से खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का आग्रह किया था, जो भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में संलग्न हैं।