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कपालमोचन मेले से सब्जियों के दाम में वृद्धि

यमुनानगर में कपालमोचन मेले के दौरान चल रहे लंगरों के कारण सब्जियों की कीमतों में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। मंडियों में सब्जियों की कमी के चलते दुकानदार महंगे दामों पर सब्जियां बेचने को मजबूर हैं। मेले में 70 से अधिक लंगर चल रहे हैं, जिससे सब्जियों की मांग बढ़ गई है। जानें इस स्थिति का आढ़तियों पर क्या असर पड़ा है और कैसे यह सब्जियों की बिक्री को प्रभावित कर रहा है।
 

यमुनानगर में सब्जियों की कीमतों में उछाल

यमुनानगर (Yamuna Nagar News)। कपालमोचन मेले के दौरान चल रहे कई लंगरों के कारण मंडियों में सब्जियों की कीमतें बढ़ गई हैं। साढौरा, जगाधरी और यमुनानगर की मंडियों में आने वाली सब्जियों का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा केवल कपालमोचन मेले में चल रहे लंगरों में उपयोग हो रहा है। इस स्थिति के कारण मंडियों में सब्जियों की कमी हो गई है, जिससे दुकानदारों को महंगी कीमतों पर सब्जियां खरीदनी पड़ रही हैं।


20 प्रतिशत तक की कीमतों में वृद्धि

दुकानदार अब अपने लाभ के लिए सब्जियों की बिक्री कर रहे हैं, जिसके चलते कीमतों में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हो चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे ही कपालमोचन मेला समाप्त होगा, सब्जियों की कीमतों में कमी आएगी। मेले के क्षेत्र में 70 से अधिक लंगर चल रहे हैं और लंगर लगाने वाले लोग अभी भी मेले में आ रहे हैं।


लंगर का आयोजन पांच दिनों तक

कई सेवादार पांच दिनों तक लंगर का आयोजन करते हैं, जबकि कुछ लोग केवल कार्तिक पूर्णिमा के दिन लंगर लगाने के लिए आते हैं। जो लंगर पांच दिनों तक चलते हैं, उनमें रोजाना हरी सब्जियां साढौरा, जगाधरी और यमुनानगर की मंडी से भेजी जाती हैं। अगले दिन लंगर में कौन सी सब्जी बनानी है, इसके लिए एक दिन पहले ही मंडी से सब्जियां मंगाई जाती हैं।


Yamuna Nagar News: आढ़तियों का लाभ

आढ़ती इस स्थिति का लाभ उठाकर सब्जियों को महंगे दाम पर बेचते हैं, जिससे उन्हें भी कीमतें बढ़ानी पड़ती हैं। वहीं, मेले के आसपास के गांवों के लोग मेले में जाकर लंगर में भोजन करते हैं, जिससे उनकी सब्जियां कम बिकती हैं। इस स्थिति में सब्जियों की बिक्री के लिए एक संतुलन बनाना आवश्यक हो जाता है, अन्यथा बिकने में असफल होने पर सब्जियां खराब हो जाती हैं।