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कर्नाटक में बाढ़: भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित

कर्नाटक के बेलगावी जिले में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। कृष्णा नदी और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं, जिससे कई क्षेत्रों में जलभराव हो गया है। 38 पुल डूब चुके हैं और हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है। राहत शिविरों में भेजे गए परिवारों की संख्या बढ़ रही है। जानें इस संकट की पूरी जानकारी और इसके प्रभावों के बारे में।
 

कर्नाटक में बाढ़ का संकट

कर्नाटक बाढ़: कर्नाटक के बेलगावी जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। कृष्णा नदी और उसकी सहायक नदियां- घाटप्रभा, मालप्रभा और मार्कण्डेय- अभी भी उफान पर हैं। जिले के कई क्षेत्रों में जलभराव की समस्या बनी हुई है। 38 पुल बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं और 10 से अधिक मंदिर भी प्रभावित हुए हैं। गोकक और मुधोल तालुकों में हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.


राहत शिविरों में भेजे गए लोग

गोकक शहर के पास बह रही घटप्रभा नदी के कारण 200 से अधिक परिवारों को सुरक्षित राहत शिविरों में भेजा गया है। चिक्कोडी क्षेत्र में कृष्णा नदी में 1.8 लाख क्यूसेक से अधिक पानी बह रहा है, जिससे आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.


बांधों से पानी छोड़ने का प्रभाव

बांधों से पानी छोड़े जाने से बिगड़ी स्थिति

मालप्रभा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। कृष्णा नदी के उफान के चलते हुबली-धारवाड़ और आसपास के क्षेत्रों से संपर्क टूट गया है। हुविनाहेदागी पुल पर पानी बहने से कलबुर्गी और रायचूर के बीच मुख्य सड़क संपर्क बाधित हो गया है.


महाराष्ट्र से बढ़ता संकट

महाराष्ट्र से भी बढ़ा संकट

महाराष्ट्र के उज्जनी बांध से भीमा नदी में 1.1 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के बाद अफजलपुर तालुका में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। करंजा जलाशय भी अपने अधिकतम स्तर पर पहुंच गया है, जिससे आस-पास के क्षेत्रों में जलभराव और बढ़ गया है.


मलनाड क्षेत्र में फसलों को नुकसान

मलनाड क्षेत्र की फसलें बर्बाद

हालांकि बुधवार को मलनाड क्षेत्र में बारिश थोड़ी कम हुई है, लेकिन पिछले दिनों की मूसलाधार बारिश ने कॉफी, काली मिर्च, धान, अदरक, इलायची और सुपारी जैसी नकदी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। वरदा, धर्मा और तुंगभद्रा नदियों के जलस्तर में वृद्धि से हावेरी जिले में आठ पुल डूब गए हैं, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है.