कलकत्ता हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय: डॉक्टर का निलंबन रद्द
कलकत्ता हाई कोर्ट का निर्णय
कलकत्ता हाई कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल (WBMC) द्वारा एक प्रसिद्ध चिकित्सक और पूर्व तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद के मेडिकल रजिस्ट्रेशन को निलंबित करने के फैसले को रद्द कर दिया है। यह निर्णय उस चिकित्सक के लिए राहत का कारण बना है, जिनके चिकित्सा प्रैक्टिस पर रोक लगा दी गई थी। आमतौर पर, मेडिकल रजिस्ट्रेशन का निलंबन गंभीर कदाचार या अनैतिक आचरण के मामलों में किया जाता है। हालांकि, हाई कोर्ट ने WBMC के निर्णय को पलटते हुए यह संकेत दिया कि या तो निलंबन के कारण पर्याप्त नहीं थे या प्रक्रिया में कुछ खामियां थीं।हाई कोर्ट के इस फैसले के कुछ महत्वपूर्ण पहलू हैं: न्यायिक हस्तक्षेप, जो यह दर्शाता है कि न्यायपालिका कैसे नियामक निकायों के निर्णयों की समीक्षा कर सकती है और यह सुनिश्चित कर सकती है कि प्रक्रिया निष्पक्ष और कानून के अनुसार हो। इसके अलावा, यह चिकित्सक के पेशेवर अभ्यास के अधिकार को भी बरकरार रखता है, जब तक उनके खिलाफ ठोस और पुष्ट आरोप न हों।
WBMC के लिए यह एक सबक है कि भविष्य में ऐसे निर्णय लेते समय अधिक सावधानी और प्रक्रियात्मक शुद्धता बरतें। यह मामला चिकित्सकीय कदाचार, पेशेवर विनियमन और न्यायिक समीक्षा के बीच के जटिल संबंधों को उजागर करता है। पूर्व टीएमसी सांसद होने के कारण इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया था, लेकिन हाई कोर्ट ने कानूनी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपना फैसला सुनाया। यह निर्णय चिकित्सा समुदाय और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।