कांवड़ यात्रा 2025 के लिए सुरक्षा इंतजाम, 70 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात
कांवड़ यात्रा की सुरक्षा के लिए व्यापक प्रबंध
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस ने महाकुंभ 2025 के मॉडल पर कांवड़ यात्रा की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए हैं। डीजीपी राजीव कृष्ण ने जानकारी दी कि इस यात्रा के लिए 70,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी। यात्रा के मार्ग की निगरानी के लिए 29,454 सीसीटीवी कैमरे और 395 ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, 1,222 पुलिस सहायता केंद्र, 1,845 जल सेवा केंद्र और 829 चिकित्सा शिविर भी स्थापित किए जाएंगे। महिला कांवड़ियों के साथ किसी भी प्रकार की अभद्रता पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के निर्देश दिए हैं। यात्रा मार्ग, कांवड़ शिविरों, भंडारों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है। इसमें 587 राजपत्रित अधिकारी, 2,040 निरीक्षक, 13,520 उपनिरीक्षक, 39,965 मुख्य आरक्षी और आरक्षी, 1,486 महिला उपनिरीक्षक, 8,541 महिला मुख्य आरक्षी और आरक्षी, 50 केंद्रीय पुलिस बल की कंपनियां, पीएसी और 1,424 होमगार्ड स्वयंसेवकों की ड्यूटी लगाई गई है। विशेष बलों जैसे रैपिड एक्शन फोर्स, क्यूआरटी और एंटी टेरर स्क्वाड की भी तैनाती की गई है। सभी आरक्षियों को निर्देशों और प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गई है। कांवड़ शिविरों के प्रबंधकों के साथ समन्वय स्थापित कर सुरक्षा के दृष्टिकोण से एंटी सबोटाज चेकिंग की जाएगी और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
यातायात प्रबंधन पर ध्यान
डीजीपी ने बताया कि पुलिस अधिकारियों और थाना प्रभारियों के मोबाइल नंबर, यातायात डाइवर्जन योजना और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं बारकोड के माध्यम से अखबारों, होर्डिंग्स और सोशल मीडिया पर साझा की जाएंगी। सभी यात्रा मार्गों की निगरानी सीसीटीवी, ड्रोन और टीथर्ड ड्रोन से की जाएगी, जिससे वीडियो लिंक की रियल टाइम मॉनिटरिंग मुख्यालय स्तर पर की जाएगी।
डीजीपी मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर और कंट्रोल रूम में 8-8 सदस्यीय टीम बनाई गई है, जो भ्रामक खबरों का खंडन करेगी और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। इसके अलावा, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के साथ समन्वय के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिस पर रियल-टाइम सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा। विभिन्न राजमार्गों को सामान्य यातायात के लिए कुछ दिनों के लिए प्रतिबंधित किया गया है। यात्रा के मूवमेंट की योजना बनाकर कांवड़ियों को बायीं ओर से भेजने और भंडारे, शिविर को सड़क से 20 फीट की दूरी पर संचालित करने की अनुमति दी गई है।