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कानपुर में सीएमओ विवाद: हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद डॉ. नेमी ने फिर से संभाली जिम्मेदारी

कानपुर में सीएमओ के पद पर डॉ. हरिदत्त नेमी की वापसी ने विवाद को और बढ़ा दिया है। हाईकोर्ट से मिली राहत के बाद, डॉ. नेमी ने कार्यभार संभाला, जबकि शासन द्वारा नियुक्त डॉ. उदयनाथ भी कार्यालय में मौजूद हैं। इस स्थिति ने लोगों में असमंजस पैदा कर दिया है कि असली सीएमओ कौन है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और प्रशासनिक हलचल के बारे में।
 

कानपुर में सीएमओ विवाद की नई परत

कानपुर। कानपुर में जिला मजिस्ट्रेट और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के बीच चल रहा विवाद अब और बढ़ गया है। यह विवाद तब नया मोड़ ले लिया जब हाईकोर्ट ने डॉ. हरिदत्त नेमी को राहत प्रदान की। इसके बाद उन्होंने सीएमओ के पद पर पुनः कार्यभार संभाल लिया। दूसरी ओर, शासन द्वारा नियुक्त किए गए सीएमओ डॉ. उदयनाथ भी कार्यालय में मौजूद हैं। इस स्थिति की जानकारी शासन को दे दी गई है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। दो सीएमओ की नियुक्ति के कारण अब स्थिति असमंजस में है। इस मुद्दे पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिससे प्रशासनिक हल्के में चर्चाएं तेज हो गई हैं।

डॉ. नेमी ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद कुछ पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि उनकी बहाली हाईकोर्ट के आदेश पर हुई है और इसी आधार पर उन्होंने कार्यभार संभाला है। इस दौरान, डॉ. उदयनाथ सीएमओ के चैंबर में मेन कुर्सी के पास बैठे हुए नजर आए। डॉ. नेमी ने सभी एसीएमओ के साथ बैठक की और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की जानकारी ली। इस बीच, लोगों में यह असमंजस बना हुआ है कि असली सीएमओ कौन है, जिससे विभिन्न चर्चाएं हो रही हैं।

डीएम और डॉ. नेमी के बीच विवाद के बाद निलंबन
डॉ. हरिदत्त नेमी को राज्य सरकार ने 19 जून को डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के साथ विवाद के बाद निलंबित कर दिया था। याचिका में उन्होंने खुद को निलंबित करने और श्रावस्ती के अतिरिक्त सीएमओ डॉ. उदयनाथ को कानपुर नगर का सीएमओ नियुक्त करने के आदेशों को चुनौती दी है।