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किसानों का धरना: बकाया मुआवजे और बाजरे की खरीद की मांग

बाढड़ा में किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले धरना दिया, जिसमें उन्होंने बकाया मुआवजे और बाजरे की खरीद की मांग की। एसडीएम ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं को उच्चाधिकारियों के सामने रखा जाएगा। किसानों ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है। धरने में कई किसान नेता भी शामिल हुए और उन्होंने किसानों के अधिकारों की रक्षा का आश्वासन दिया।
 

किसानों का प्रदर्शन


Charkhi Dadri News - बाढड़ा में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले धरना दे रहे किसानों ने आज अपने प्रदर्शन को उपमंडल कार्यालय तक बढ़ाया। उन्होंने एसडीएम को एक मांगपत्र सौंपा, जिसमें बकाया मुआवजा जारी करने और मंडी में बाजरे की खरीद शुरू करने की मांग की गई। एसडीएम ने किसानों को आश्वासन दिया कि वह उच्चाधिकारियों को इस मामले से अवगत कराएंगे।


उपमंडल कार्यालय में एसडीएम आशीष सांगवान को मांगपत्र देते आंदोलनकारी किसान।


किसानों ने कहा कि सरकार ने 22 सितंबर से बाढड़ा अनाज मंडी में बाजरे की सरकारी खरीद का शेड्यूल जारी किया था, लेकिन अब तक कोई खरीद नहीं हुई है। इससे किसानों में रोष बढ़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों के हितों की अनदेखी कर रही है।


एसडीएम आशीष सांगवान ने बताया कि बाजरे की खरीद के लिए लिए गए सैंपल असफल रहे हैं और राज्य मुख्यालय जल्द ही इस पर बैठक करेगा। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि उनके मुद्दों को उच्चाधिकारियों के सामने रखा जाएगा।


किसानों के अधिकारों की रक्षा

धरने को संबोधित करते हुए किसान सभा के अध्यक्ष नसीब सिंह कारीमोद ने कहा कि वर्तमान में सरकार की नीतियों के कारण किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारें किसानों को बीमा कंपनियों के माध्यम से लूट रही हैं।


सुरेश कौंथ ने कहा कि किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है और उनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी की ओर से किसानों के अधिकारों की रक्षा करने का आश्वासन दिया।


किसान नेता ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद किसान अपने खेतों में मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि किसानों को खाद और बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।


सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग

किसानों ने सरकार से पानी निकासी के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि फसल बीमा क्लेम में अनियमितताएं हो रही हैं और किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है।


किसानों ने कहा कि चुनावी वर्ष में फसल बीमा क्लेम में कमी आई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार किसानों के प्रति गंभीर नहीं है।