कुरुक्षेत्र में पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल का उद्घाटन: लॉजिस्टिक्स में नई क्रांति
कुरुक्षेत्र में लॉजिस्टिक्स का नया युग
PM Gati Shakti Cargo Terminal: कुरुक्षेत्र में एक नई लॉजिस्टिक्स क्रांति की शुरुआत: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल का उद्घाटन किया।
यह टर्मिनल न केवल हरियाणा के लिए, बल्कि आस-पास के राज्यों के लिए भी व्यापार और लॉजिस्टिक्स में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाला है। धीरपुर में स्थापित यह इनलैंड कंटेनर डिपो विकसित भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आइए, इस पहल के महत्व और इसके लाभों को समझते हैं।
आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल
कुरुक्षेत्र का यह कार्गो टर्मिनल 18 एकड़ भूमि पर विकसित किया गया है, जिसमें कस्टम क्लीयरेंस, वेयरहाउसिंग, और कोल्ड स्टोरेज जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
यह टर्मिनल व्यापारियों को सभी आवश्यक सेवाएं एक ही स्थान पर प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, पलवल में सर्राफ ग्रुप द्वारा 115 एकड़ पर मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और रेवाड़ी में 30 एकड़ पर ट्रांसशिप हब का विकास भी किया जा रहा है। ये प्रोजेक्ट हरियाणा को एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स हब के रूप में स्थापित करेंगे। यह टर्मिनल व्यापार की लागत को 20-30% तक कम करने और समय की बचत करने में मदद करेगा।
हरियाणा से वैश्विक व्यापार का नया द्वार
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उद्घाटन के दौरान कहा कि यह टर्मिनल हरियाणा को वैश्विक व्यापार का प्रवेश द्वार बनाएगा। उन्होंने इसे पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया।
यह डिपो न केवल स्थानीय व्यापारियों को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि निर्यात-आयात की प्रक्रिया को भी तेज करेगा। सैनी ने इस पहल को हरियाणा की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला बताया। यह टर्मिनल छोटे और मध्यम उद्यमियों के लिए भी एक वरदान साबित होगा।
पड़ोसी राज्यों के लिए भी बड़ा लाभ
यह पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल न केवल हरियाणा, बल्कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड जैसे पड़ोसी राज्यों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह टर्मिनल इन राज्यों के व्यापारियों को लॉजिस्टिक्स सुविधाएं प्रदान करेगा, जिससे उनकी लागत और समय दोनों की बचत होगी।
यह पहल क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेगी। साथ ही, यह टर्मिनल रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा, जिससे स्थानीय युवाओं को लाभ मिलेगा। यह प्रोजेक्ट भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।