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केंद्र सरकार की नई ईएलआई योजना: क्या यह युवाओं के लिए फायदेमंद होगी?

केंद्र सरकार ने एम्लायमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ईएलआई) योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य युवाओं को रोजगार प्रदान करना है। इस योजना के तहत कंपनियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, लेकिन इसके साथ कई सवाल भी उठते हैं। क्या यह योजना वास्तव में युवाओं के लिए फायदेमंद होगी? क्या कंपनियां बिना काम के लोगों को नौकरी पर रखेंगी? जानें इस योजना के लाभ और चिंताएं।
 

ईएलआई योजना का उद्देश्य

केंद्र सरकार ने हाल ही में एम्लायमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ईएलआई) योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य युवाओं को रोजगार प्रदान करना है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। इस योजना के तहत, सरकार उन कंपनियों को प्रोत्साहन राशि देगी जो नए युवाओं को नौकरी पर रखती हैं। खास बात यह है कि पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।


सवाल और चिंताएं

हालांकि, इस योजना के साथ कई सवाल भी उठते हैं। क्या कंपनियां केवल सरकार के थोड़े से पैसे के लिए बिना काम के किसी को नौकरी पर रख सकती हैं? यदि कंपनियां अपनी आवश्यकताओं के अनुसार कर्मचारियों को नियुक्त करती हैं, तो उन्हें प्रोत्साहन राशि क्यों दी जानी चाहिए? इसके अलावा, क्या छोटी कंपनियां फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर सरकार से पैसे लेने की कोशिश करेंगी? ऐसे मामलों में जांच कैसे की जाएगी?


सरकारी खजाने का उपयोग

एक और गंभीर सवाल यह है कि क्या सरकार बड़ी कंपनियों को सरकारी खजाने से पैसा देने के लिए यह योजना लेकर आई है? कंपनियां अपनी आवश्यकताओं के अनुसार लोगों को रख सकती हैं और इसके बदले में प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकती हैं। इससे पहले भी सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव और कैपिटल एक्सपेंडिचर इंसेंटिव योजनाएं शुरू की थीं, जिनमें गड़बड़ियों की खबरें आई थीं।


ईएलआई योजना की विसंगतियां

ईएलआई योजना की एक बड़ी विसंगति यह है कि इसमें कहा गया है कि 10,000 रुपए की नौकरी देने पर 1,000 रुपए और 10,000 से 20,000 रुपए की नौकरी पर 2,000 रुपए का इंसेंटिव मिलेगा। यह सोचने वाली बात है कि जहां न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए है, वहां कोई कंपनी 10,000 रुपए की नौकरी देकर 1,000 रुपए का इंसेंटिव कैसे ले सकती है?