केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन का निधन, राज्य में तीन दिन का शोक
केरल के पूर्व मुख्यमंत्री का निधन
केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा के प्रमुख नेता वेल्लिकाकथ शंकरण अच्युतानंदन का सोमवार को तिरुवनंतपुरम में 101 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी याद में राज्य सरकार ने मंगलवार को सार्वजनिक अवकाश और 24 जुलाई तक तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
सरकारी अधिसूचना के अनुसार, शोक अवधि के दौरान सभी सरकारी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान, स्वायत्त निकाय, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां और अन्य प्रतिष्ठान जो नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के अंतर्गत आते हैं, मंगलवार को बंद रहेंगे। इस दौरान केरल के सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का श्रद्धांजलि
CM पिनाराई विजयन ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "कॉमरेड वीएस एक क्रांतिकारी युग के प्रतीक थे। उन्होंने पूंजीवादी शोषण के खिलाफ अपना जीवन समर्पित किया और मार्क्सवादी विचारधारा के स्तंभ के रूप में खड़े रहे।"
CM पिनाराई विजयन का श्रद्धांजलि देते हुए वीडियो भी सामने आया है।
#WATCH तिरुवनंतपुरम, केरल: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने वरिष्ठ CPI(M) नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन को श्रद्धांजलि दी। pic.twitter.com/hMZylA58We
प्रधानमंत्री का शोक संदेश
PM ने किया शोक व्यक्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी X पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, "पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन जी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने केरल की प्रगति और जनसेवा में अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि जब हम दोनों अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्री थे, तब हमारी कई बार बातचीत हुई।" उन्होंने उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदनाएं भी व्यक्त की।
अच्युतानंदन की स्वास्थ्य स्थिति
सीएम और माकपा नेता मिलने पहुंचे
वी.एस. अच्युतानंदन पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ थे और तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। सोमवार दोपहर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, वित्त मंत्री केएन बालगोपाल और अन्य माकपा नेता अस्पताल जाकर उनका हालचाल लेने पहुंचे थे।
राजनीतिक जीवन का संक्षिप्त विवरण
पूर्व CM का राजनीतिक जीवन
वी.एस. अच्युतानंदन का राजनीतिक जीवन अत्यंत प्रभावशाली रहा। अक्टूबर 2019 में उन्हें स्ट्रोक आया था, जिसके बाद वे सार्वजनिक जीवन से दूर हो गए थे। हालांकि, 2016 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने 93 वर्ष की आयु में मलंम्पुझा सीट से चुनाव जीतकर अपनी सक्रियता का परिचय दिया था।