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कैथल के किसान ईश्वर कुंडु को मिलेगा राष्ट्रीय सम्मान

कैथल के किसान ईश्वर कुंडु को उनके कृषि नवाचार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। 6 और 7 दिसंबर को होने वाले इस समारोह में उन्हें उनकी खोजों के लिए सराहा जाएगा। ईश्वर कुंडु ने सीमित संसाधनों के साथ कृषि में कई महत्वपूर्ण खोजें की हैं, जो न केवल किसानों के लिए लाभकारी हैं, बल्कि उपभोक्ताओं को भी सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराती हैं। उनकी खोजों ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है और उनके नाम से एक फार्मूला भी प्रसिद्ध है।
 

कैथल में सम्मान समारोह की तैयारी

कैथल (कैथल मिलियनेयर किसान पुरस्कार): भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूसा, दिल्ली स्थित संस्थान, देशभर के उन किसानों को सम्मानित करेगा जिन्होंने कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं और खेती से जुड़ी समस्याओं का समाधान निकाला है।


इस समारोह में भारत के विभिन्न हिस्सों से चुने गए नवीनमेषी किसानों में हरियाणा के कैथल जिले के ईश्वर सिंह कुंडु का नाम भी शामिल है। ईश्वर कुंडु ने बताया कि यह सम्मान समारोह 6 और 7 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा।


कृषि में नवाचार का कमाल

ज्ञात हो कि कलायत उपमंडल के गांव कैलरम के निवासी ईश्वर कुंडु, जिन्होंने केवल दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की है, ने सीमित संसाधनों के बावजूद कृषि क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण खोजें की हैं। उन्होंने लगभग एक दशक तक शोध किया है ताकि भारत की कृषि को रासायनिक पदार्थों से मुक्त किया जा सके, किसानों के खर्च को कम किया जा सके और पैदावार को बढ़ाया जा सके।


उनकी खोजों ने साबित किया है कि बिना जहरीले रसायनों के भी खेती संभव है। इससे न केवल किसानों की लागत में कमी आई है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी सुरक्षित और जहर मुक्त भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।


अंतरराष्ट्रीय पहचान

ईश्वर कुंडु ने 2004 में अपने पहले फार्मूले की खोज की, जिसे किसानों ने 'कमाल' नाम दिया। उनकी खोजों का परीक्षण पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना, कृषि विज्ञान केंद्र कैथल और सिंजेंटा जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने किया, जिससे पैदावार में 21 प्रतिशत तक वृद्धि हुई।


उनकी उपलब्धियों ने लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में चार बार नाम दर्ज कराया है। ईश्वर कुंडु की खोज का पेटेंट गजट में भी प्रकाशन हो चुका है। उन्हें राष्ट्रपति भवन में भी राष्ट्रपति के मेहमान के रूप में रहने का अवसर मिला है।


आज उनकी खोज 'कमाल' के नाम से पूरे देश में प्रसिद्ध हो चुकी है, जिससे कैथल जिले का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गूंज रहा है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से लेकर श्री रामनाथ कोविंद तक ने उनकी खोज को सराहा है।