कोलकाता सामूहिक बलात्कार मामले में पुलिस ने किया सीन रीक्रिएट
कोलकाता में सामूहिक बलात्कार की जांच
कोलकाता सामूहिक बलात्कार मामला: कोलकाता में 24 वर्षीय लॉ की छात्रा के साथ हुए कथित सामूहिक बलात्कार की जांच में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पुलिस ने शुक्रवार को दक्षिण कलकत्ता विधि महाविद्यालय में अपराध स्थल का पुनर्निर्माण किया। इस प्रक्रिया में चारों गिरफ्तार आरोपियों को घटनास्थल पर लाया गया, जिससे जांच को और मजबूती मिली। पुलिस की विशेष टीम सुबह लगभग 4:30 बजे कॉलेज परिसर में पहुंची, जिसमें मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा, प्रमित मुखर्जी, जैब अहमद और कॉलेज के सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी शामिल थे।
सीन रीक्रिएट प्रक्रिया लगभग चार घंटे तक चली और सुबह के मध्य तक समाप्त हुई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "यह पुनर्निर्माण हमारी जांच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। घटनास्थल से प्राप्त निष्कर्षों को पीड़ित की शिकायत और अन्य साक्ष्यों के साथ मिलाकर जांच की जाएगी।" इस प्रक्रिया का उद्देश्य घटना के सभी पहलुओं की सटीकता से जांच करना और साक्ष्यों की पुष्टि करना है।
आरोप और घटना का विवरण
एफआईआर के अनुसार, 25 जून की शाम को लॉ की प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ मोनोजीत मिश्रा ने प्रमित मुखर्जी और जैब अहमद की मदद से बलात्कार किया। यह घटना तीन घंटे से अधिक समय तक चली और कॉलेज परिसर के विभिन्न स्थानों, जिसमें गार्ड का कमरा भी शामिल है, पर हुई। सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी पर घटना के दौरान लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप है। उनकी पुलिस हिरासत 4 जुलाई को समाप्त हो रही है, जिसके बाद उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।
साक्ष्य और मेडिकल जांच
पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मेडिकल जांच रिपोर्ट और परिस्थितिजन्य साक्ष्य दोनों ही पीड़िता के बयान का समर्थन करते हैं। कोलकाता पुलिस का जासूसी विभाग इस मामले की जांच कर रहा है, जो सभी तथ्यों की सावधानीपूर्वक जांच कर रहा है। अधिकारियों ने कहा कि पीड़िता के बयान के साथ सभी साक्ष्यों का समन्वय कर तथ्यों की पूर्ण पुष्टि की जाएगी। इस घटना ने कोलकाता में व्यापक आक्रोश पैदा किया है और शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। समाज के विभिन्न वर्गों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।