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क्या अमेरिका लगाएगा भारत और चीन पर 100% टैरिफ? जानें ट्रंप की नई योजना

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और चीन पर 100% तक टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं, जिसका उद्देश्य रूस पर दबाव डालना है। ट्रंप ने पहले ही भारत पर 50% टैरिफ लागू किया है और अब यूरोपीय संघ से भी इसी दिशा में कदम उठाने की अपेक्षा की है। इस प्रस्ताव से पहले, मोदी, पुतिन और जिनपिंग ने SCO समिट में एकजुटता दिखाई। भारत, रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार है, और ट्रंप की नई योजना इसी व्यापार को लक्षित कर रही है। जानें इस मुद्दे के सभी पहलुओं के बारे में।
 

ट्रंप की टैरिफ योजना

Trump India China tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और चीन पर 100% तक टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं। यह कदम रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव डालने के लिए उठाया जा रहा है। ट्रंप ने पहले ही भारत पर 50% टैरिफ लागू कर रखा है और अब यूरोपीय संघ से भी इसी दिशा में कदम उठाने की अपेक्षा की है।


टैरिफ की योजना का उद्देश्य

सूत्रों के अनुसार, ट्रंप का इरादा भारत और चीन के खिलाफ 'नाटकीय टैरिफ' लागू करना है, जिसे तब तक बनाए रखना चाहते हैं जब तक कि चीन रूसी तेल की खरीद नहीं रोकता। जुलाई में, ट्रंप ने भारतीय आयात पर 25% का प्रतिशोधात्मक टैरिफ लगाया था, जिसे बाद में 50% कर दिया गया। चीन के लिए, अमेरिका ने अभी तक 30% टैरिफ ही लगाया है। अमेरिका यूरोप के टैरिफ के समान कदम उठाने के लिए तैयार है, जिससे भारत और चीन दोनों से आयात पर शुल्क बढ़ेगा।


SCO समिट का प्रभाव

SCO समिट और त्रिपक्षीय बैठक का प्रभाव

ट्रंप के इस प्रस्ताव से कुछ दिन पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तियानजिन में SCO समिट के दौरान एकजुटता दिखाई। इन तीन नेताओं के साथ मुस्कुराते हुए फोटो साझा करने के बाद, ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा, "लगता है हमने भारत और रूस को सबसे गहरे और सबसे अंधकारमय चीन के हाथों खो दिया है। ईश्वर करे कि उनका भविष्य दीर्घायु और समृद्ध हो!" हालांकि, बाद में ट्रंप ने अपने बयान से पलटते हुए भारत के साथ संबंधों को मजबूत बताया और प्रधानमंत्री मोदी को ग्रेट प्राइम मिनिस्टर कहा। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत व्यापारिक बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखेंगे।


भारत की तेल खरीदारी

भारत की रूसी तेल पर निर्भरता

भारत, चीन के बाद, रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2025 की पहली छमाही में अपनी कुल तेल आपूर्ति का 35% रूस से खरीदा। ट्रंप की नई टैरिफ योजना इसी तेल व्यापार को लक्षित करती दिख रही है।