क्या बोइंग 787 विमानों की सुरक्षा पर खतरा? पायलट महासंघ ने की जांच की मांग
भारतीय पायलट महासंघ की चिंताएं
भारतीय पायलट महासंघ (FIP) ने भारत में सभी बोइंग 787 विमानों की विद्युत प्रणालियों की गहन जांच की आवश्यकता जताई है। यह अनुरोध उन्होंने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को भेजे गए पत्र में किया, जिसमें 4 अक्टूबर को एयर इंडिया की अमृतसर-बर्मिंघम उड़ान के दौरान हुई गंभीर तकनीकी समस्या का उल्लेख किया गया।
अमृतसर-बर्मिंघम उड़ान की तकनीकी समस्या
एयर इंडिया के बोइंग 787 विमान में यह तकनीकी समस्या लैंडिंग से ठीक पहले उत्पन्न हुई। जब विमान जमीन से लगभग 500 फीट की ऊंचाई पर था, तब चालक दल ने रैम एयर टर्बाइन (RAT) के अचानक सक्रिय होने की सूचना दी। यह प्रणाली आमतौर पर आपातकालीन स्थितियों में सक्रिय होती है, जैसे कि दोनों इंजन का फेल होना या विद्युत और हाइड्रोलिक शक्ति का पूरी तरह से खत्म होना। उस दिन, विमान ने आपातकालीन बिजली प्रणाली के सक्रिय होने के बावजूद सुरक्षित लैंडिंग की।
गड़बड़ी का कारण
विमान स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली (AHM) की रिपोर्ट के अनुसार, इस गड़बड़ी का मुख्य कारण बस पावर कंट्रोल यूनिट (BPCU) की खराबी थी। बीपीसीयू विमान की विद्युत शक्ति के वितरण और नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है। FIP का मानना है कि इसी खराबी के कारण RAT ने अप्रत्याशित रूप से काम करना शुरू किया।
जून की दुर्घटना का संदर्भ
यह मामला उस जून 2025 की घटना के बाद और भी गंभीर हो गया है, जब एयर इंडिया की अहमदाबाद-ब्रिटेन उड़ान (AI-171) ने उड़ान भरने के तुरंत बाद नियंत्रण खो दिया था। उस हादसे में 260 यात्रियों की जान गई थी। प्रारंभिक जांच से संकेत मिले थे कि विमान के ईंधन नियंत्रण स्विच गलती से निष्क्रिय हो गए थे और यह गड़बड़ी भी विद्युत प्रणाली से संबंधित हो सकती है।
एफआईपी की अपील
एफआईपी के अध्यक्ष जी.एस. रंधावा ने DGCA को लिखे पत्र में कहा कि बीपीसीयू और इससे संबंधित प्रणालियों का संपूर्ण तकनीकी मूल्यांकन आवश्यक है। उनका कहना है कि DGCA ने अब तक जांच को केवल ईंधन नियंत्रण स्विच तक सीमित रखा है, जबकि व्यापक निरीक्षण की सख्त आवश्यकता है।
सुरक्षा पर चिंता
महासंघ ने यह भी कहा कि बोइंग 787 विमानों की सभी विद्युत प्रणालियों की गहन जांच न केवल भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि यात्रियों और पायलटों का विश्वास भी बहाल करेगी। उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) से भी अपील की कि वे इस मामले में सक्रिय हस्तक्षेप करें।
DGCA के अगले कदम
इस मांग ने एक बार फिर एयर इंडिया के बेड़े में बोइंग 787 विमानों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है। अब सभी की नजरें DGCA के अगले कदम पर टिकी हैं।