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क्या माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई हर साल बढ़ रही है? जानें वैज्ञानिकों के नए खुलासे

वैज्ञानिकों ने माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई में हर साल हो रही वृद्धि का खुलासा किया है। यह जानकारी दर्शाती है कि धरती के अंदर टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल और भूकंपों का इस पर गहरा प्रभाव है। जानें कैसे ये कारक मिलकर माउंट एवरेस्ट को लगातार ऊंचा बना रहे हैं। इस विषय पर और अधिक जानकारी के लिए पूरा लेख पढ़ें।
 

माउंट एवरेस्ट की बढ़ती ऊंचाई का रहस्य

वैज्ञानिकों ने माउंट एवरेस्ट, जो कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है, के बारे में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने लाया है। हर साल इसकी ऊंचाई में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है। यह जानकारी न केवल आश्चर्यजनक है, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित है। विभिन्न शोध और आंकड़ों से यह स्पष्ट हो चुका है कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई में हर वर्ष कुछ सेंटीमीटर का इजाफा हो रहा है।


हर साल लाखों पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने का सपना देखते हैं। लेकिन जिस चोटी पर लोग अपनी जान की बाजी लगाते हैं, वह लगातार ऊंची होती जा रही है। इसका कारण धरती के अंदर चल रही हलचलों में छिपा है, जो वैज्ञानिकों और भूगर्भशास्त्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण शोध का विषय बन चुका है।


एवरेस्ट की ऊंचाई में वृद्धि के कारण

धरती की टेक्टोनिक प्लेटों का प्रभाव


माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई में वृद्धि का मुख्य कारण धरती के अंदर मौजूद टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधि है। वैज्ञानिकों के अनुसार, धरती की सतह एक ठोस परत नहीं है, बल्कि यह कई विशाल टेक्टोनिक प्लेटों में विभाजित है, जो लगातार हिलती रहती हैं।


एवरेस्ट हिमालय पर्वतमाला का हिस्सा है, जो भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के आपसी दबाव से बनी है। ये दोनों प्लेटें आज भी एक-दूसरे की ओर बढ़ रही हैं, जिससे हिमालय और विशेष रूप से माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई में हर साल वृद्धि हो रही है।


भूकंपों का प्रभाव

भूकंपों का योगदान


माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई में बदलाव का एक और महत्वपूर्ण कारण भूकंप हैं। विशेष रूप से हिमालयी क्षेत्र और हिमाचल प्रदेश में आने वाले भूकंप इन पर्वतों की संरचना को प्रभावित करते हैं। भूकंप के दौरान प्लेटों के बीच दबाव बढ़ता है, जिससे पहाड़ों की ऊंचाई में हल्का बदलाव आ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भूकंप के बाद पर्वत संरचना में मामूली बदलाव होता है, जो माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को भी प्रभावित करता है।


वैज्ञानिकों की निगरानी

नवीनतम तकनीक से निगरानी


माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई पर नजर रखने के लिए वैज्ञानिक जीपीएस तकनीक और उपग्रह चित्रों का उपयोग कर रहे हैं। 2020 में, नेपाल और चीन ने मिलकर एवरेस्ट की नई ऊंचाई 8,848.86 मीटर घोषित की, जो पहले के आंकड़ों से अधिक थी। यह परिवर्तन वैज्ञानिकों के पूर्वानुमान को एक बार फिर सही साबित करता है कि माउंट एवरेस्ट वास्तव में हर साल ऊंचा होता जा रहा है।