क्या राहुल गांधी की चुनावी धांधली के आरोपों में है सच्चाई? चुनाव आयोग की चुप्पी पर उठे सवाल
चुनाव आयोग को नहीं मिली कोई औपचारिक शिकायत
कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने विधानसभा चुनावों में धांधली के आरोप लगाए हैं, लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बावजूद चुनाव आयोग (ECI) को उनकी ओर से कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। इसके साथ ही, उन्होंने आयोग के साथ बैठक के लिए भी कोई समय नहीं मांगा है, यह जानकारी चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों ने साझा की है।
सूत्रों के अनुसार, किसी भी संवैधानिक संस्था की ओर से प्रतिक्रिया तब दी जाती है जब शिकायतकर्ता औपचारिक पत्र प्रस्तुत करता है। यह अजीब है कि गांधी चुनावी प्रक्रिया में गंभीर खामियों का उल्लेख करते हैं, लेकिन औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज कराने से बचते हैं।
राहुल गांधी की मांगें
राहुल गांधी ने क्या मांगी जानकारी?
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि वह महाराष्ट्र सहित सभी राज्यों के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए डिजिटल, समेकित और मशीन-पठनीय मतदाता सूचियां प्रकाशित करे। उनका कहना है कि पारदर्शिता से आयोग की विश्वसनीयता बनी रह सकती है।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में, राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर 'बिना हस्ताक्षर वाले और अस्पष्ट जवाब' देने का आरोप लगाया और कहा कि यह गंभीर सवालों से बचने का तरीका नहीं हो सकता। इसके जवाब में, चुनाव आयोग ने उनके आरोपों को 'निराधार' और 'कानून की अवमानना' करार दिया।
चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस को 24 दिसंबर 2024 को विस्तृत जवाब दिया जा चुका है, जो आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। आयोग ने कहा कि बिना ठोस आधार के बार-बार ऐसे आरोप लगाना उन लाखों चुनाव कर्मियों और पार्टी एजेंटों का अपमान है जो निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया में लगे रहते हैं।
मतगणना एजेंटों पर उठे सवाल
मतगणना एजेंटों की कार्यप्रणाली पर सवाल
सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने अप्रत्यक्ष रूप से अपनी पार्टी के मतदान और मतगणना एजेंटों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की मांग को मतदाताओं की गोपनीयता का उल्लंघन बताया और यह भी पूछा कि क्या अब राहुल गांधी को न्यायपालिका पर भी भरोसा नहीं रहा?