क्या रूस-यूक्रेन शांति वार्ता की उम्मीदें खत्म हो गईं? जानें पुतिन-जेलेंस्की मीटिंग के बारे में
पुतिन और जेलेंस्की की संभावित बैठक पर संकट
पुतिन और जेलेंस्की की बैठक: रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता की संभावनाओं को एक बड़ा झटका लगा है। क्रेमलिन ने स्पष्ट किया है कि यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने के लिए किसी भी बातचीत में रूस की भागीदारी अनिवार्य होगी। इस शर्त के चलते पुतिन और जेलेंस्की के बीच निकट भविष्य में किसी शिखर सम्मेलन की संभावना कम होती जा रही है। यह कदम तब उठाया गया है जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूक्रेन के लिए सुरक्षा ढांचे की मांग बढ़ रही है। रूस का कहना है कि यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगी पहले ही कह चुके हैं कि वे रूस पर भरोसा नहीं करेंगे और यूरोप के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं।
यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी की मांग
क्रेमलिन ने स्पष्ट किया है कि यदि यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने पर चर्चा होती है, तो उसमें रूस की अनिवार्य उपस्थिति होनी चाहिए। यही शर्त वर्तमान में शिखर वार्ता में बाधा उत्पन्न कर रही है, जिससे पुतिन और जेलेंस्की के बीच उच्चस्तरीय बैठक की संभावना कम हो गई है।
अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे पर चर्चा
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यूक्रेन के लिए सुरक्षा व्यवस्था बनाने पर विचार चल रहा है, लेकिन रूस ने संकेत दिया है कि पश्चिमी देशों और यूक्रेन का रूस पर भरोसा न करना और सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के प्रयास वार्ता में बाधा डाल रहे हैं। इस संदर्भ में शांति वार्ता के लिए बहुपक्षीय समन्वय और शर्तें महत्वपूर्ण बनती जा रही हैं।
अलास्का में ट्रंप और पुतिन की बैठक
अलास्का में ट्रंप-पुतिन की मीटिंग: 15 अगस्त को अलास्का के एंकोरेज में अमेरिकी राष्ट्रपति और रूसी राष्ट्रपति की बैठक हुई, जिसका उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध के शीघ्र समाधान पर जोर देना था। बैठक में ट्रंप ने युद्धविराम और शांति समझौते पर सहमति का समर्थन किया, जबकि पुतिन ने यूक्रेन के नाटो में शामिल न होने की शर्त रखी। दोनों नेताओं ने बैठक को सकारात्मक बताया और मॉस्को में अगली मुलाकात की सहमति पर चर्चा की।
ट्रंप का दावा और संवेदनशील मुद्दे
राष्ट्रपति ट्रंप ने यह दावा किया कि वे जल्द ही रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध समाप्त कर सकते हैं। बैठक में इलाकों के आदान-प्रदान जैसी संवेदनशील संभावनाओं पर भी चर्चा हुई, हालांकि तत्काल युद्धविराम पर कोई अंतिम सहमति नहीं बनी।
जेलेंस्की की नाराजगी
जेलेंस्की की नाराजगी का कारण: अलास्का मीटिंग में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेलेंस्की को शामिल नहीं किए जाने पर उन्होंने नाराजगी जताई। जेलेंस्की ने कहा कि उनकी मौजूदगी के बिना कोई ठोस निर्णय संभव नहीं है और उन्होंने रूस पर 2014 में क्रीमिया पर कब्जा और 2022 के आक्रमण का आरोप लगाया।
ट्रंप और जेलेंस्की की वाशिंगटन में मुलाकात
वाशिंगटन में ट्रंप-जेलेंस्की मीटिंग: अलास्का मीटिंग के बाद 18 अगस्त को वाशिंगटन डी.सी. में ट्रंप और जेलेंस्की की मुलाकात हुई, जिसमें यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष और कई यूरोपीय देशों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस मुलाकात में जेलेंस्की ने रूस से युद्धविराम के बदले मजबूत सुरक्षा गारंटियों की मांग दोहराई।