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क्या सऊदी अरब पाकिस्तान की रक्षा के लिए तैयार है? ख्वाजा आसिफ का बड़ा बयान

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि भारत पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की घोषणा करता है, तो सऊदी अरब उसकी रक्षा करेगा। यह बयान सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुए नए 'रणनीतिक पारस्परिक सहायता' समझौते के संदर्भ में आया है। इस समझौते के तहत, दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को प्राथमिकता दी गई है। ख्वाजा आसिफ ने इसे नाटो के अनुच्छेद 5 से तुलना करते हुए बताया कि यह आक्रामकता के लिए नहीं, बल्कि रक्षात्मक सहयोग के लिए है। जानें इस समझौते के पीछे की रणनीति और इसके क्षेत्रीय सुरक्षा पर प्रभाव।
 

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में इस्लामाबाद में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि भारत पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की घोषणा करता है, तो सऊदी अरब पाकिस्तान की रक्षा के लिए कदम उठाएगा। यह बयान हाल ही में हुए 'रणनीतिक पारस्परिक सहायता' समझौते के संदर्भ में आया है, जिसमें सुरक्षा सहयोग को प्राथमिकता दी गई है। ख्वाजा आसिफ ने यह भी स्पष्ट किया कि यह समझौता आक्रामकता के लिए नहीं, बल्कि रक्षात्मक सहयोग के लिए है, और इसे नाटो के अनुच्छेद 5 से तुलना करते हुए समझाया, जिसमें एक सदस्य पर हमला पूरे गठबंधन पर हमला माना जाता है। इस घोषणा ने क्षेत्रीय सुरक्षा समीकरणों में नई हलचल पैदा कर दी है।


सऊदी-पाकिस्तान रक्षा समझौता

ख्वाजा आसिफ ने जियो टीवी से बातचीत में कहा कि अगर कोई आक्रमण होता है, चाहे वह सऊदी अरब के खिलाफ हो या पाकिस्तान के खिलाफ, हम मिलकर उसका बचाव करेंगे। उन्होंने इस समझौते को नाटो की सामूहिक रक्षा नीति से जोड़कर बताया कि यह पूरी तरह से रक्षात्मक है। उन्होंने मीडिया को भरोसा दिलाया कि इस समझौते का कोई भी दुरुपयोग आक्रामकता के लिए नहीं किया जाएगा, लेकिन यदि दोनों पक्षों को खतरा हो तो यह लागू होगा।


ख्वाजा आसिफ का बयान

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने यह भी पुष्टि की कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार सऊदी अरब के उपयोग के लिए उपलब्ध रहेंगे। हालांकि, सऊदी अरब की आधिकारिक नीति यह है कि ये हथियार केवल भारत के खिलाफ ही इस्तेमाल किए जाएंगे। ख्वाजा आसिफ ने कहा कि इस समझौते के तहत हमारी क्षमताएं निश्चित रूप से उपलब्ध होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और निरीक्षण की हमेशा अनुमति दी है और कोई उल्लंघन नहीं हुआ।


सऊदी अधिकारी का बयान

एक वरिष्ठ सऊदी अधिकारी ने मीडिया को बताया कि यह समझौता व्यापक रक्षात्मक सहयोग का प्रतीक है। जब उनसे पूछा गया कि क्या इसका मतलब है कि पाकिस्तान सऊदी अरब को परमाणु कवच देगा, तो उन्होंने इस पर विस्तार से कहा कि यह एक समग्र रक्षा समझौता है।


प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का हस्ताक्षर

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस सप्ताह रियाद में इस 'पारस्परिक रक्षा' समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते के मुख्य प्रावधानों में से एक यह है कि किसी भी देश के खिलाफ किसी भी आक्रमण को दोनों देशों के खिलाफ आक्रमण माना जाएगा।


भारत सरकार की प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने इस समझौते को दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक व्यवस्था के रूप में देखा है। सैन्य और राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता सऊदी अरब के वित्तीय संसाधनों को पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार से जोड़ता है, जो दोनों पक्षों के लिए रणनीतिक जीत मानी जा रही है।


पाकिस्तान को इस समझौते के तहत वित्तीय सहायता के साथ-साथ अरब देशों के गठबंधन का भी लाभ मिलेगा। वहीं, सऊदी अरब के लिए यह एक महत्वपूर्ण 'परमाणु कवच' साबित होगा। इस रणनीतिक साझेदारी पर इजराइल और ईरान भी कड़ी नजर रख रहे हैं। इस बारे में ख्वाजा आसिफ ने कहा कि दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। मुझे लगता है कि सभी देशों और यहां के लोगों, खासकर मुस्लिम आबादी का, अपने क्षेत्र की एकजुट होकर रक्षा करना एक मौलिक अधिकार है।