गाजा संकट: महिलाओं का यौन शोषण और मानवीय संकट
गाजा संकट 2025: एक अमानवीय स्थिति
गाजा संकट 2025: गाजा पिछले दो वर्षों से युद्ध और तबाही की चपेट में है, जो आज पूरी दुनिया को मानवता के सबसे अंधेरे सच से परिचित करा रहा है। यहां की महिलाएं भूख, प्यास और बेबसी के बीच एक और अमानवीय संकट का सामना कर रही हैं, जो यौन शोषण है। सहायता और राहत के नाम पर स्थानीय पुरुष और कुछ सहायता कार्यकर्ता भूख से पीड़ित महिलाओं से यौन सेवाओं की मांग कर रहे हैं। एक समय की रोटी और साफ पानी पाने के लिए महिलाओं को अपमानजनक सौदों का सामना करना पड़ रहा है.
महिलाएं चुपचाप दर्द सहन करने को मजबूर
गाजा की पारंपरिक संस्कृति में इस तरह की घटनाओं पर खुलकर चर्चा करना बेहद कठिन है, जिससे अधिकांश महिलाएं चुपचाप इस दर्द को सहने के लिए मजबूर हो जाती हैं। हालांकि, कुछ पीड़ित महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए हैं, जो न केवल चौंकाने वाले हैं बल्कि मानवता के मूल्यों पर भी सवाल उठाते हैं.
गाजा में मानवीय संकट
लगातार युद्ध और विस्थापन के कारण गाजा की जनता बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। पानी, भोजन और दवाइयों की कमी ने लोगों को राहत संगठनों पर पूरी तरह निर्भर बना दिया है। इसी निर्भरता का फायदा उठाकर महिलाएं शोषण का शिकार हो रही हैं.
महिलाओं की आपबीती
कई महिलाओं ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि उनसे सीधे कहा जाता है, 'मैं तुम्हें छूना चाहता हूं' या 'मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं।' कुछ ने बताया कि उनके नंबर राहत पंजीकरण के दौरान लिए गए और फिर उन्हें रात में अश्लील कॉल्स आने लगीं.
अंतरराष्ट्रीय संगठनों की प्रतिक्रिया
UNRWA और अन्य राहत एजेंसियों का कहना है कि वे यौन शोषण के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति अपनाते हैं। हालांकि, पीड़ित महिलाओं का कहना है कि शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती और सबूत मांगने के नाम पर मामले दबा दिए जाते हैं.
मनोवैज्ञानिकों की रिपोर्ट
गाजा में कार्यरत महिला मनोवैज्ञानिकों ने बताया है कि उनके पास कई ऐसे मामले आए हैं, जिनमें कमजोर महिलाओं से यौन सेवाएं मांगी गईं। कुछ ने मजबूरी में सहमति दी जबकि अन्य ने इनकार किया। कई मामलों में गर्भधारण तक की स्थिति बन गई.
इतिहास भी गवाह
यह पहली बार नहीं है जब संघर्ष क्षेत्रों से इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। इससे पहले दक्षिण सूडान, हैती और कांगो में भी आपातकालीन स्थितियों के दौरान महिलाओं के शोषण की घटनाएं देखी गई हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि संकट के समय में महिलाएं सबसे असुरक्षित होती हैं.
मदद के नाम पर सौदे
कई पीड़ितों ने बताया कि उन्हें नौकरी या राहत सामग्री देने का झांसा दिया गया। कुछ मामलों में संयुक्त राष्ट्र के प्रतीकों वाली गाड़ियों का इस्तेमाल करने वाले लोग भी शामिल थे। बाद में उनसे रात में कॉल्स और यौन संबंधों की मांग की गई.
इंसानियत पर सवाल
गाजा की महिलाएं कह रही हैं कि वे भूख और अपमान के बीच जी रही हैं। जहां एक रोटी का टुकड़ा उनकी जिंदगी बचा सकता है, वहीं उसी के बदले मांगे जा रहे 'शर्मनाक सौदे' मानवता के लिए सबसे बड़ा सवाल बन गए हैं.